सरदार वल्लभ भाई पटेल:- जयंती पर विशेष..
डॉ. रश्मि जहां
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और लोहपुरूष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की आजादी और भारतीय रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने में अपना अहम योगदान दिया था। सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल के पहले उपप्रधान मंत्री और भारत के पहले गृहमंत्री सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री थे। देश की आजादी में उन्होंने जितना योगदान दिया, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक सूत्र में बांधने में भी किया था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म गुजरात के खेड़ा जिले में 31 अक्टूबर को हुआ था, उनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबा देवी था। वल्लभभाई पटेल का बचपन करमसाद के पैतृक खेतों में बीता। यहीं से वह मिडिल स्कूल से पास हुए,और नीडयाद के हाई स्कूल में गए। जहां से उन्होंने 1897 में मैट्रिक पास किया। उन्होंने बाद में लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और भारत आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे, और इसमें उन्हें बड़ी सफलता मिली।
एक साधारण किसान परिवार का लड़का अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर भविष्य में खास बन गया, यह वो दौर था जब पूरे देश में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चल रहे थे और सरदार पटेल महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थे,यही कारण था कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया देश की आजादी दिलाने और आजादी के बाद देश का शासन सुचारू रूप से चलने में सरदार पटेल का विशेष योगदान रहा।
देश की भलाई के लिए उन्होंने बहुत से काम किये किसान परिवार में जन्मे पटेल अपनी कूटनीति क्षमताओं के लिए भी याद किए जाते हैं। पटेल एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने देश के छोटे-छोटे राजवाड़े और राजघराने को एक कर भारत में सम्मिलित किया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की जब भी बात होती है तो सरदार पटेल का नाम सबसे पहले ध्यान में आता है उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति नेतृत्व कौशल का ही कमाल था कि 562 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर सकें ।
सरदार वल्लभभाई पटेल को लोह पुरुष का दर्जा प्राप्त था, उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लोह पुरुष और सरदार जैसे विशेषणों से नवाजा गया, पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु “भारतीय सिविल सेवको के संरक्षक संत “के रूप में भी जाना जाता है। पटेल ने रियासतों के साथ आप सहमति बनाने के लिए अथक प्रयास किया, लेकिन जहां भी आवश्यक हो साम,दाम, दंड और भेद के तरीकों को अपनाने में संकोच नहीं किया।
आज हम जिस विशाल भारत को देखते हैं, उसकी कल्पना बिना वल्लभभाई पटेल के शायद पूरी नहीं हो पाती, देश की आजादी में सरदार पटेल का अभूत पूर्व योगदान था। पटेल ने शराब,छुआछूत और नारियों पर अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता को बनाए रखने की पुरजोर कोशिश की थी। आजादी की लड़ाई के दौरान वह कई बार जेल भी गए लेकिन पटेल की दृढ़ता के सामने अंग्रेजी हुकूमत को झुकना पड़ा था।
सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है हर नागरिक की यह मुख्य जिम्मेदारी है कि वह महसूस करें कि उसका देश स्वतंत्र है और अपने स्वतंत्रता देश की रक्षा करना उसका कर्तव्य है, भारत एक अच्छा उत्पादक है और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे,। भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर और सत्य में अपना विश्वास बनाए रखना चाहिए। जब जनता एक हो जाती है तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पात के ऊंच- नीच के भेदभाव को भूलाकर सब एक हो जाइए। आपकी भलाई आपके रास्ते में बाधा है,इसीलिए अपनी आंखों को गुस्से से लाल होने दे, और अन्याय के साथ मजबूती से लड़ने की कोशिश करें। भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था।