मुज़फ्फरनगर शहर सीट पर गरमाई राजनीति.. सुमित ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान

मुज़फ्फरनगर सदर सीट पर नई सियासी हलचल,सुमित खेड़ा ने 2027 में चुनाव लड़ने का किया ऐलान

मुज़फ्फरनगर। ज़िले की राजनीति एक बार फिर गरमाने लगी है। राष्ट्रीय नौजवान जनता दल के अध्यक्ष सुमित खेड़ा ने 2027 विधानसभा चुनाव में मुज़फ्फरनगर सदर सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। उनके इस बयान ने स्थानीय राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है।
खेड़ा ने कहा — “ईश्वर ने चाहा तो 2027 में मैं सदर सीट से एमएलए का चुनाव लड़ूँगा। राष्ट्रीय नौजवान जनता दल को मज़बूती के साथ मैदान में उतारेंगे और जनता के बीच ईमानदारी व पारदर्शिता की राजनीति लेकर जाएंगे। दस लगाकर बीस करने वालों को इस बार मुज़फ्फरनगर की जनता नकार देगी।”
खेड़ा की पृष्ठभूमि और राजनीतिक यात्रा...
सुमित खेड़ा लंबे समय से युवाओं से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं। सामाजिक आंदोलनों से राजनीति तक का उनका सफ़र उन्हें सीधे नौजवानों के बीच लोकप्रिय बनाता है। उनका कहना है कि नौजवानों की ताक़त को राजनीति की मुख्यधारा में लाना ही उनकी पार्टी का असली मक़सद है।
राष्ट्रीय नौजवान जनता दल, खेड़ा के नेतृत्व में, अभी शुरुआती चरण में है लेकिन स्थानीय स्तर पर युवाओं को जोड़ने की कोशिशें तेज़ी से की जा रही हैं। खेड़ा का दावा है कि पार्टी किसी बड़े दल का विकल्प बनेगी और युवाओं की आवाज़ विधानसभा तक पहुँचाएगी।
मुज़फ्फरनगर सदर सीट पश्चिम यूपी की राजनीति में हमेशा से अहम मानी जाती रही है। यहाँ पर परंपरागत दलों — भाजपा, बसपा और सपा का सीधा मुकाबला होता रहा है। कई बार यह सीट बाहुबली नेताओं और मज़बूत राजनीतिक घरानों के प्रभाव में भी रही है।
अगर सुमित खेड़ा जैसे युवा चेहरे का मैदान में उतरना तय हो जाता है तो यह समीकरण बदलने की संभावना भी रखता है।
राजनीतिक समीकरण और संभावनाएं…
खेड़ा के एलान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि 2027 का चुनाव इस सीट पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुक़ाबले की शक्ल ले सकता है।
भाजपा अपनी मज़बूत जमीनी पकड़ और संगठन के सहारे चुनाव में उतरेगी।सपा-बसपा भी इस सीट पर परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश करेंगी। वहीं, खेड़ा युवाओं और नए वोटरों को लुभाने का दावा कर रहे हैं। चर्चा है की वे एक राष्ट्रीय पार्टी क़े सीनियर नेता क़े संपर्क में है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर राष्ट्रीय नौजवान जनता दल संगठनात्मक रूप से सक्रिय और संगठित हो पाती है तो सुमित खेड़ा एक नई राजनीतिक ताक़त के तौर पर उभर सकते हैं।
जनता की उम्मीदें…
खेड़ा के समर्थकों का कहना है कि मुज़फ्फरनगर को अब नई सोच और नई राजनीति की ज़रूरत है। युवाओं की शिक्षा, रोज़गार और सुरक्षा जैसे मुद्दों को केंद्र में लाने के लिए वह सबसे उपयुक्त उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।
वहीं विरोधी खेमा इसे मात्र एक चुनावी बयान मानकर देख रहा है और मानता है कि बिना जमीनी ढांचे के कोई भी नई पार्टी परंपरागत दलों को चुनौती नहीं दे सकती।
सुमित खेड़ा के इस ऐलान ने 2027 के चुनाव से बहुत पहले ही मुज़फ्फरनगर की सियासत को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि आने वाले दो वर्षों में उनकी पार्टी कितनी मज़बूती के साथ जनता के बीच काम कर पाती है और किस हद तक सदर सीट के चुनावी समीकरणों को बदलने में कामयाब होती है।




