विकलांगों को भी मिले राजनीतिक आरक्षण: बिलाल मंसूरी
विकलांग दिवस पर आईआईएमटी रेडियो पर व्यक्त किए विचार
मवाना। विकलांगों को शिक्षा, यात्रा आदि में आरक्षण का लाभ मिलता है लेकिन, राजनीतिक आरक्षण से वंचित रखा हुआ है। चुनाव के समय जब परिसीमन होता है और अलग-अलग जाति या वर्ग के लोगों के लिए सीटें आरक्षित की जाती है तो विकलांगों के लिए क्यों नही? क्या विकलांग नेता नहीं बन सकता है? विकलांगों को भी राजनीतिक आरक्षण मिलना चाहिए। ये कहना है बिलाल मंसूरी का, जो रेडियो पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
विकलांग दिवस के अवसर पर आईआईएमटी रेडियो पर मवाना निवासी सामाजिक व विकलांग अधिकार कार्यकर्ता एम बिलाल मंसूरी विकलांगों के मुद्दों पर संबोधित कर रहे थे। उनका यह कार्यक्रम एमबीएम हिंदी न्यूज यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हो गया है। रेडियो के माध्यम से एम बिलाल मंसूरी ने सरकार द्वारा चलाई जा रही फ्री यात्रा सुविधा, इलाज की सुविधा, शिक्षा में आरक्षण, पेंशन आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एक सवाल के जवाब में बिलाल मंसूरी ने बताया कि जब विकलांगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर उनके उद्धार के लिए कोई खास योजनाएं नहीं है तो फिर उनको दिव्यांग कहने से क्या उनका विकास होगा? विकलांगों के अंदर एक खास शक्ति है, यह कहकर दिव्यांग कहना चाहिए इससे पता चलता है कि आप विकलांगों के लिए कुछ नहीं करना चाहते हैं, इसलिए विकलांगों का नाम बदलने के बजाय विकलांगों के विकास के लिए योजनाएं लानी चाहिए। एम बिलाल मंसूरी ने विकलांगों की समस्याओं को उठाते हुए सरकार से मांग की है कि मोटर ट्राई साइकिल 80 प्रतिशत वालों को नहीं बल्कि पैर से जो भी विकलांग हैं उनको देनी चाहिए, वो चाहे 40 प्रतिशत हों या 60 प्रतिशत, बस में विकलांग की सहायता के लिए एक सहयात्री को फ्री सुविधा, रेल और हवाई यात्रा में विकलांगों को निशुल्क और विकलांग सहयात्री को आधी दर पर, विकलांगों को प्राइमरी से उच्च शिक्षा निशुल्क, विकलांगों को घर से शिक्षण संस्थान तक लाने ले जाने के लिए वाहन, कम से कम प्रत्येक जिले में विकलांगों के लिए छात्रावास और कौशल प्रशिक्षण केंद्र की सुविधाओं को प्रदान किया जाना आवश्यक है। साथ ही रोजगार देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि हर विकलांग गरीबी के कारण शिक्षित न होने की वजह से सरकारी नौकरी नहीं कर पाता है और प्राइवेट कंपनियां रोजगार देने में पीछे रहती हैं।
बिलाल को मिला चुका है गोल्ड मेडल
शारीरिक विकलांगता के बावजूद एम बिलाल मंसूरी समाज व विकलांगों के लिए सात वर्ष से भी ज्यादा समय से सामाजिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। लगातार विकलांगों की समस्याओं को उठा रहे हंै।
-6 मार्च 2021 को गाजियाबाद में आयोजित पावर लिफ्टिंग में मिला गोल्ड मेडल।
-2017 में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए उपजिलाधिकारी ने किया था सम्मानित।
-शहीद चंद्रभान मेला प्रदर्शनी समिति ने भी किया था सम्मानित।
-पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर भी सम्मानित करके बढ़ा चुके हौंसला।
-2015 में पूर्व एसएसपी दिनेश चंद्र एसपीओ के पद से कर चुके हैं सम्मानित।