एमजी पब्लिक स्कूल में विवाद बढ़ा, पीड़िता ने DM के दरबार मे दी दस्तक

–जिलाधिकारी को फिर की गयी शिकायत, पुत्र की टीसी दिलाने की गुहार लगाई
-मोहल्ला द्वारिकापुरी निवासी महिला ने प्रिंसिपल और अध्यक्ष से जताया जान का खतरा
मुजफ्फरनगर। थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला द्वारिकापुरी निवासी रीमा सिंघल कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची। जहां पहुंचकर रीमा सिंघल ने जिलाधिकारी से अपने बेटे की जान की सुरक्षा और टीसी दिलाने की गुहार लगाई।
रीमा सिंघल ने एमजी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल पर टीसी ना देने का आरोप लगाते हुए बताया कि मेरा बेटा एमजी पब्लिक स्कूल में पढ़ता है और उसने एमजी पब्लिक स्कूल से कक्षा सात पास की है और अब रीमा सिंघल अपने बेटे को कहीं और ले जाकर पढ़ाना चाहती है इसलिए जब वह एमजी पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल के पास गई तो प्रिंसिपल ने अभद्र व्यवहार किया और उसे यह कह दिया कि आपके बेटे कि केवजीव से अब तक की फीस रुकी हुई है। पीड़ित रीमा सिंघल का कहना है कि उसने अपने बेटे की सारी फीस जमा कर रखी हैं। मेरे पास सारे प्रमाण भी है। रीमा सिंघल को अपनी और अपने बेटे की जान का खतरा बना हुआ है। इसीलिए वह यहां से अपने बेटे को बाहर भेजना चाहती है, जिससे उसका बेटा सेफ रहे। एमजी पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल और अध्यक्ष सतीश गोयल से रीमा सिंघल नें जान का खतरा जताया है। पीड़ित महिला ने जिलाधिकारी से इंसाफ की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर की प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान में शामिल एमजी पब्लिक स्कूल में विवाद चला आ रहा है। इस स्कूल की स्थापना मुजफ्फरनगर में सुरेंद्र सिंधी और सतीश गोयल ने अपने पूर्वजों के नाम से की थी। बाद में आर्थिक मंदी के चलते सुरेंद्र सिंधी पीछे हटते चले गए जबकि सतीश गोयल आगे बढते चले गए। इसके बाद धीरे-धीरे संस्था पर सतीश गोयल का प्रभुत्व स्थापित होता चला गया। सुरेंद्र सिंधी का अभी कुछ वर्ष पूर्व ही निधन हुआ है। उससे पूर्व वो सचिव और सतीश गोयल अध्यक्ष थे। सुरेंद्र सिंधी के निधन के बाद सतीश गोयल द्वारा सुरेंद्र सिंधी के परिवार को स्कूल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। जिसको लेकर सुरेंद्र सिंधी का परिवार सहायक रजिस्टार के कार्यालय भी गया। जिन्होंने आदेश दिया कि इस संस्था की कमेटी कालातीत हो चुकी है इसलिए इसमें नए चुनाव कराए जाने चाहिए। सहायक रजिस्ट्रार ने आदेश दिए कि इसके संस्थापकों में एक मात्र जीवित सदस्य और सुरेंद्र सिंघल के छोटे भाई पुरुषोत्तम सिंघल नए सद्स्यों को बनाकर चुनाव कराए जाने के बाद कमेटी का गठन करें। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते सतीश गोयल ने इस कार्रवाई को रुकवा दिया और फाइल भी मुजफ्फरनगर मँगवा ली जो ैक्ड सदर के यहाँ लम्बित है। दोनों परिवारों में लगातार विवाद चला आ रहा है। इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब सुरेंद्र सिंधी की बेटी रीमा सिंघल कॉलेज में गई और उसके बच्चे की टीसी देने से मना कर दिया। इसी को लेकर रीमा सिंघल ने जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह से मुलाकात की और पूर्व प्रबंध समिति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी जान को खतरा भी बताया।