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किसान महापंचायत: युवाओं में दिखा जोश, कई राज्यों से पहुंचे थे हजारों किसान

ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचे यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत आठ राज्यों के किसान
मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित महापंचायत में पहुंचने के लिए युवा जोश बेहद नजर आया। मुजफ्फरनगर जनपद के अलावा पश्चिमी यूपी व आसपास के प्रदेशों से भी ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों व बसों में सवार होकर किसान मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। जनपद के हर कोने से भी किसान ट्रैक्टरों का काफिले लेकर निकले थे। युवाओं में भी इस महापंचायत के लिए पूरा जोश था।
भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस पंचायत को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा जमकर मेहनत की गई थी। शुक्रवर को हुई इस पंचायत में शामिल होने के लिए किसान अपने-अपने टैÑक्टरों व वाहनों से पंचायत में आये थे। सुबह 12 बजे तक कम ही किसान पंचायत में पहुंच पाये थे, परन्तु जैसे-जैसे समय की सुई आगे बढ़ी तो किसानों के ट्रेक्टरों, कारों, बसों का सिलसिला शुरू हो गया और ऐसा नजारा बन गया, जैसे ट्रैक्टरों की परेड हो रही हो।

‘दिल’ में रह गई मंच पर जाने की ‘कसक’
-महापंचायत के मंच पर राजनीतिक दलों को किया गया दरकिनार
-मंच पर जाने के लिए कसमसाते रहे राजनेता, नहीं मिल पाई एन्ट्री


मुजफ्फरनगर की धरती पर हुई किसान महापंचायत के मंच पर जाने की कसक राजनीतिक दलों के नेताओं के दिलों में रह गई। जनपद के राजनीतिक दलों के नेता व विधायक पंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे, परन्तु उन्हें यह कहकर मंच नहीं दिया गया कि वह किसान बनकर आये हैं इसलिए सामने बैठे।
शुक्रवार को जीआईसी के मैदान में किसान महापंचायत आयोजित की गयी। महापंचायत में शामिल होने के लिए मुजफ्फरनगर के अलावा आसपास के जनपदों व आसपास के प्रदेशों से भी किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ महापंचायत में शिरकत की। इस पंचायत में अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल व अर्ध सैन्य बलों के जवान खुद एसएसपी की निगरानी में व्यवस्था में लगे रहे। तमाम सड़कों पर वाहनों के कारण जाम के हालात भी नजर आने लगे हैं। हमेशा की तरह विपक्षी दलों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों का समर्थन भी इस महापंचायत को मिल रहा था। समर्थनदेने वाले सभी राजनीतिक संगठन व सामाजिक संगठन के लोग जब महापंचायत के मंच के पास पहुंचे, तो उन्हें मंच नहीं दिया गया। समर्थन देने वालों में विपक्षी दलों के विधायक भी मौजूद थे। राकेश टिकैत ने सभी से आह्वान किया कि वह किसान बनकर आये हैं और इसलिए किसान बनकर मंच के सामने बैठे। हालांकि इनके लिए मंच के बराबर में कुर्सियां लगाकर बैठने की व्यवस्था भी की गयी थी। राकेश टिकैत ने मंच से बता भी दिया कि विधायकों के साथ मंच क्यों साझा नहीं किया गया। उनहोंने कहा कि यह किसानों का मंच हैं और किसान किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उन सभी सरकारों के खिलाफ हैं, जो किसान विरोधी फैसले ले रही हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब बिहार में किसानों पर अत्याचार हुआ और उन्होंने वहां आंदोलन किया, तो उन पर आरोप लगा था कि उन्हें भाजपा का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भाकियू उन सभी के साथ हैं,जो किसानों की बात करते हैं और उन सभी के खिलाफ हैं, जो किसानों के खिलाफ हैं।

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