चर्च में चल रहा था धार्मिक आयोजन.. हिंदू संगठन से जुड़े लोगो ने धर्म परिवर्तन का आरोप लगा किया हंगामा
चर्च में धर्म परिवर्तन कराने की सूचना पर हिन्दू संगठनों ने किया हंगामा,पुलिस ने मौके पर पहुचकर दोनों पक्षों को किया शांत
पुलिस मामले की जांच में जुटी, पादरी ने बताया मामला झूठा
यूपी के मुज़फ्फरनगर स्थित खतौली चर्च में धर्म परिवर्तन की सूचना मिलने के बाद स्थानीय हिंदू संगठन के दर्जनों पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंच मामले की जांच पड़ताल की। जहां ईसाई समाज और हिंदू संगठन के लोगों बीच तीखी नोक झोंक भी हुई। वही हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर दोनों समाज के लोगों से जानकारी लेते हुए मामला शांत किया। उधर हिन्दू संगठन के लोगों ने धर्मपरिवर्तन करवाने का आरोप लगाया वही ईसाई समाज ने इस बात से इंकार किया। इस घटना को लेकर काफी देर तक मिशन कंपाउंड में हंगामा रहा।
बुधवार को खतौली जीटी रोड स्थित एपी फेनी चर्च में ईसाई समाज के लोगों द्वारा 53 वा सी एन आई एकीकरण की वर्षगांठ धार्मिक कार्यक्रम बड़ी धूमधाम में मना रहे थे।इस धार्मिक आयोजन में आगरा से आये धर्मगुरु पादरी विशप प्रेम प्रकाश हाबिल, अविनाश और खतौली के पादरी निर्मल जैकब द्वारा एक विशेष प्रार्थना कराई गई। धार्मिक आयोजन में स्थानीय ईसाई समाज के लोगों के अलावा अन्य समाज के लोग भी मौजूद रहे। अभी चर्च में धार्मिक आयोजन चल ही रहा था इस बीच खतौली नगर के विश्व हिंदू परिषद, भाजपा और हिंदू जागरण मंच के दर्जनों पदाधिकारी पुनीत अरोरा, मोनू मंगवानी, विवेक रहेजा, अखिलेष पंडित, गुरु दत्त अरोरा,अनुज कुमार शर्मा आदि लोग चर्च में पहुंचे, जिन्होंने चर्च में चल रहे धार्मिक आयोजन की आड़ में दूसरे समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। जिसको लेकर क्रिस्चन और हिंदू सगठनों के लोगों के बीच तीखी नोक झोंक हुई। धर्म परिवर्तन कराने के मामले को लेकर चर्च में हुए हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची खतौली पुलिस ने दोनों पक्षों से मामले में अलग- अलग पूछताछ करने के बाद दोनों पक्षों को शांत किया।
ईसाई समाज का क्या कहना हैं...
इस संबंध में पादरी डॉक्टर प्रेम प्रकाश और निर्मल जैकब ने इस बारे में पुलिस से कहा की आप गहनता से जांच पड़ताल कर लीजिए चर्च में कोई भी धर्म परिवर्तन नही कराया जा रहा था। चर्च में समाज के लोग अपना धार्मिक कार्यक्रम मना रहे थे जिसमे एक विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया था। ईसाई समाज के लोगों का कहना था की समाज के कुछ गलत प्रवृत्ति के लोग ही चर्च को टारगेट करते हुए झूठी सूचना देकर लोगों को गुमराह करते है। पूर्व में भी ऐसे लोगों ने चर्च के पादरी निर्मल जैकब पर जानलेवा हमला भी किया था। तभी से ये शरारती तत्व उन पर झूठे आरोप प्रत्यारोप लगाते आ रहे है। जिससे समाज और पादरी की छवि खराब हो रही है।