शौहर क़े सामने ही बॉयफ्रेंड संग सेक्स करती थी बीवी.. युवक ने सुसाइड कर लिया

पीड़ित के भाई का आरोप – नशा देकर पति के सामने बनाए जाते थे शारीरिक संबंध, मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर की खुदकुशी
बुलंदशहर। जिले के ककोड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव वैर बादशाहपुर में एक युवक द्वारा की गई आत्महत्या ने सबको झकझोर कर रख दिया है। मृतक आसिफ (उम्र करीब 30 वर्ष) ने 11 जुलाई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अब इस मामले में FIR से खुलासे हुए हैं, वह बेहद हैरान और शर्मसार करने वाले हैं। आसिफ के भाई द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसके मुताबिक, आसिफ की पत्नी के गांव के ही युवक सालिम के साथ अवैध संबंध थे। सालिम, आसिफ की पत्नी को नशीली गोलियां देता था, जिन्हें वह अपने ही पति को खिला देती थी। नशे में अर्धचेतन अवस्था में लाए गए आसिफ के हाथ-पैर बांध दिए जाते थे और फिर उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ उसके सामने ही शारीरिक संबंध बनाती थी।
एफआईआर के अनुसार, यह सिलसिला लगातार चल रहा था और आसिफ इस मानसिक यातना को झेल रहा था। मृतक के भाई ने बताया कि मौत से दो दिन पहले आसिफ ने रोते हुए अपनी आपबीती साझा की थी। उसने बताया था कि पत्नी और उसका प्रेमी मिलकर उसके साथ जानवरों जैसा बर्ताव करते थे, उसके मर्द होने को कुचला जा रहा था। वह खुद को एक ‘लाचार तमाशबीन’ की तरह महसूस करता था।
परिजनों का यह भी आरोप है कि आसिफ की पत्नी और उसका प्रेमी सालिम उसे नीचा दिखाने के लिए सेक्स के दौरान जानबूझकर अश्लील बातें और अपमानजनक टिप्पणी करते थे। कई बार उसकी पिटाई भी की गई। इतना ही नहीं, इस अमानवीय कृत्य में आसिफ का ही सगा भाई शाहरुख भी शामिल था, जो इन सबका समर्थन करता था।आसिफ के भाई का कहना है कि लगातार मानसिक प्रताड़ना, बेइज्जती और अमानवीय व्यवहार के कारण आसिफ अंदर से टूट चुका था। जब उसे किसी से मदद नहीं मिली तो उसने आत्महत्या कर ली। मृतक के भाई ने ककोड़ थाने में तहरीर देकर आसिफ की पत्नी, उसके प्रेमी सालिम और भाई शाहरुख के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पुलिस ने क्या कहा?
थाना ककोड़ पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोप गंभीर हैं और मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में रिश्तों की मर्यादा…
इस घटना ने रिश्तों की मर्यादा और सामाजिक मूल्यों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है, वहीं इस मामले ने इस रिश्ते की आड़ में हो रही बर्बरता को उजागर किया है।
निष्कर्ष:
आसिफ की आत्महत्या एक साधारण पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि मानवता को झकझोर देने वाली घटना बन गई है। अब सवाल यह है कि क्या कानून इस मामले में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिला पाएगा? क्या मानसिक प्रताड़ना को भी उतनी गंभीरता से लिया जाएगा जितनी की शारीरिक हिंसा को?
फिलहाल, गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग स्तब्ध हैं कि आखिर कोई पत्नी इतनी हदें कैसे पार कर सकती है कि उसके पति को जीते-जी मौत जैसा अहसास हो और अंत में मौत को ही गले लगा ले।