डिप्टी कमिश्नर शमीम अख्तर की शान मे सजी शाम.. देर रात तक चला मुशायरा

UP के मुज़फ्फरनगर में सामाजिक संस्था पैगाम-ए-इंसानियत की ओर से लेबर डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर शमीम अख्तर के जिले में आगमन पर उनकी शान में एक भव्य मुशायरे का आयोजन किया गया।
संस्था के अध्यक्ष आसिफ राही ने कहा कि शमीम अख्तर ने करीब 6 वर्षों तक मुज़फ्फरनगर में असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के पद पर रहते हुए श्रमिकों और आम जनता के हित में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कहा कि तबादला होकर भले ही शमीम अख्तर लखनऊ चले गए हों, लेकिन उनकी सादगी, न्यायप्रियता और कार्यशैली के कारण वे हमेशा मुज़फ्फरनगर के लोगों के दिलों में रहेंगे।
आसिफ राही ने आगे कहा कि शमीम अख्तर जैसे अधिकारी समाज में भाईचारे, इंसानियत और इंसाफ की मिसाल होते हैं। मुशायरे के माध्यम से शायरों ने भी अपनी रचनाओं के जरिए इंसानियत, मोहब्बत और सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया।
यहाँ मुकामी शायर तहसीन कमर असारवी ने पढ़ा.…
हम बज़ाहिर तो अपने घर में रहे।
उम्र गुज़री है कैद खाने में।।
डॉक्टर सदाकत देवबंदी ने कहा…
हूं तो रिज़क मगर है हक से मुझे मांग के देख।
तू है पत्थर मैं तो पत्थर ही में उतर जाऊंगा।।
अब्दुल हक सहर ने कहा….
ग़मो से लड़ रहा है दिल मूसलसल।
सिपाही जंग के मैदान में।
डॉक्टर तनवीर गौहर ने कहा….
दिल को क्या कैसे और क्यों से निकाल।
मेरे अल्लाह वसवसों से निकाल।।
नावेद अंजुम ने पढ़ा…
आप का तंजिया लहज़ा न कभी बदलेगा।
हम दवा दर्द की खाते हुवे मर जाएंगे।।
अल्ताफ मशल ने कहा..
परो में दम नहीं तो जुंबिश सोच कर करना
खिलाओ से गुजर जाने की कोशिश सोच कर करना ।
यहाँ इकराम कसार, गौहर सिद्दीकी, दिलशाद पहलवान, महबूब आलम एडवोकेट, मौलाना मूसा कासमी, मौलाना एहसान कासमी, कलीम त्यागी, कलीम त्यागी,सलमान शाह, सद्दाम, मास्टर इसरार, शाहवेज राव, मुहम्मद अली अल्वी, मुनव्वर एडवोकेट, वसीम, इशरत त्यागी, अज़ीम खान, फैज़ान अंसारी और आमिर आज़म शामिल थे।




