‘लोकतंत्र के विकास में अल्पसंख्यक समाज का किरदार’ विषय पर हुआ सेमीनार
मुल्क में मुस्लिम समाज के बच्चो को दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम की भी जरूरत: कारी खालिद

मुज़फ़्फ़रनगर। लोहिया बाजार स्थित शाह इस्लामिक लाइब्रेरी में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सेमिनार में ‘लोकतंत्र के विकास में अल्पसंख्यक समाज का किरदार’ विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। यहां कहा गया कि अल्पसंख्यक समाज में तालीमी जागरूकता की जरूरत है। बच्चो को दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम भी दी जाए। विधानसभा चुनाव में ऐसे प्रत्याशी को मत दिया जाए तो समाज के विकास में सहायक साबित हो सके।
तहरीक फलाहे इंसानियत के बैनर तले आयोजित सेमिनार में लाईब्रेरी के संस्थापक कारी मौ.खालिद ने कहा कि राजनीतिक दलों ने हमेशा अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को वोट बैंक समझकर प्रयोग किया है। विधानसभा चुनाव में सोच समझकर अपने वोट का प्रयोग करे। मत प्रतिशत कम रहने पर भी उन्होंने चिंता जताई और कहा कि चुनाव के बाद राजनीतिक मंच को लेकर एक बड़ा आयोजन होगा। यहाँ विस्तार से चर्चा होगी। इस अवसर पर उर्दू टीचर्स वैलफेयर एसोसिएशन के साबिक जिला सदर शराफत अली,सीनियर जर्नलिस्ट गुलफ़ाम अहमद व शायर अब्दुल कलाम कलीम को उनकी सराहनीय सेवाओ के लिए लाईब्रेरी व सोसायटी की तरफ से सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता मशहूर अधिवक्ता व सामाजिक चिंतक महबूब आलम रहे। जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में मुस्लिम समाज के योगदान के बारे में विस्तार से विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज़ाद हिंद फौज के जांबाज़ मुस्लिम सिपाही कुर्बान हुए। रेशमी रुमाल तहरीक का आगाज़ भी देवबंद से हुआ जिसका मुल्क को आज़ाद कराने में अहम योगदान रहा। यहाँ मौलाना हिफ्ज़ुर्रह्मान,राशिद खान,डॉक्टर दानिश,मौलाना हुसैन कासमी,मोहम्मद अख्तर खान व समाजसेवी अब्दुल्ला कुरेशी का योगदान रहा।