सड़क का नाम बदलकर विवादो में घिरे मंत्री कपिल देव
गांधी कालोनी मुख्य मार्ग शहीद बचन सिंह को समर्पित किया गया था

मंत्री ने गुरु नानक को किया समर्पित, पूर्व सैनिको ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

मुजफ्फरनगर। पाकिस्तान के साथ हुई कारगिल की जंग में देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अमर हुए शहीद बचन सिंह के सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। वोट बैंक को खुश करने के लिए शहीद बचन सिंह की शहादत के लिए समर्पित किये गये शहर के एक मुख्य मार्ग का नाम बदल दिये जाने से अब आक्रोश सड़कों पर नजर आया है। मार्ग का नाम बदलने पर पहले शहीद बचन सिंह के परिवार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर सम्मान लौटाने की मांग की है तो वहीं अब पूर्व सैनिकों के साथ राष्ट्रीय लोकदल ने भी सड़क का नाम बदलने को शहीद और उसके परिवार का अपमान बताते हुए रोष जताया है। ऐसे में सड़क के नामकरण को लेकर अब खासा विवाद छिड़ गया है। इसके लिए सीधे तौर पर शहीद के परिजन और पूर्व सैनिक मंत्री कपिल देव अग्रवाल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके खिलाफ रोष प्रकट कर ज्ञापन भी सौंपा गया है। साथ ही चेतावनी दी गयी है कि यदि शहीद सैनिकों की प्रतिमाओं की सुरक्षा, उनके बलिदान के सम्मान से खिलवाड़ किया गया तो आंदोलन किया जायेगा। जिले के पचेंडा कला गांव निवासी महावीर सिंह रोहल के बेटे बचन सिंह की वर्ष 1988 में सेना में लांस नायक के पद पर नियुक्ति हुई थी। 1999 में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के कारगिल में घुसपैठ करते हुए भारत को चुनौती पेश की थी। कारगिल युद्ध में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भी भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। इस युद्ध में द्वितीय राजपूताना राइफल्स के लांसनायक गांव पचेंडा कला निवासी बचन सिंह ने भी अपनी बटालियन के साथ भाग लिया था। उनकी बटालियन को तोलोलिंग पहाड़ी पर कब्जे का आदेश दिया गया था। इस लड़ाई में भारतीय सेना ने पहाड़ी पर कब्जा कर लिया, लेकिन बचन सिंह शहीद गये। 12 जून 1999 की रात को हुई जंग में उन्होंने पाकिस्तान के सैनिकों को खदेड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी शहादत के बाद शहर के रेलवे रोड पर जिला प्रशासन द्वारा उनकी प्रतिमा की स्थापना कराई गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण उनके पिता महावीर सिंह , तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अजित सिंह और पद्म विभूषण स्वामी कल्याणदेव कालोनी होते हुए गांव पचेंडा जाने वाले मार्ग का नाम शहीद बचन सिंह मार्ग रखने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया था, जिसे नगरपालिका परिषद् को भेजा गया था। 15 नवंबर 1999 को प्रशासन के द्वारा इस मार्ग का नाम शहीद बचन सिंह मार्ग करने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी। इसके बाद मार्ग के एक छोर पर सोल्जर बोर्ड कार्यालय के सामने शहीद बचन सिंह की प्रतिमा भी स्थापित की गई और यहां पर सड़क के नामकरण के लिए बोर्ड भी लगा दिया गया था। सात फरवरी को शहीद बचन के परिवार ने उनके प्रतिमा स्थल का जीर्णोद्धार किया और नई प्रतिमा का उद्घाटन केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने किया था। बलिदानी के बेटे और सेना में कैप्टन हितेश ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व इस मार्ग का नाम गुरु नानक देव कर दिया गया। इसका पत्थर भी लगाया गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि मार्ग का नाम शहीद बचन सिंह ही रहने दिया जाए। हितेश भी राजपुताना राइफल्स में ही तैनात हैं। शहीद की पत्नी कामेश बाला ने भी सड़क का नाम बदलने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इस अपमान से मन दुखी है। इस कृत्य पर चुप नहीं रहेंगे। देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले को सम्मान मिलना चाहिए। बता दें कि 12 अप्रैल को प्रदेश के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने जेल फाटक से गांधी कालौनी होते हुए पचेण्डा तक मार्ग का नया नामकरण किया और उन्होंने इसको गुरूनानक देव के नाम पर घोषित करते हुए नींव का पत्थर रखकर शिलान्यास किया। इस पर श्री गुरू सिंह सभा मुजफ्फरनगर के पदाधिकारियों ने दावा किया था कि श्री गुरूनानक देव के 550 वें प्रकाश उत्सव के अवसर पर गुरूद्वारा रोडवेज बस स्टैण्ड पर आयोजित कार्यक्रम में करीब तीन साल पूर्व पहुंचे कपिल देव अग्रवाल ने गुरू सिंह सभा की मांग पर इस मार्ग का नामकरण गुरूनानक देव के नाम पर करने की घोषणा की थी , जिसको अब पूरा किया गया है। यहीं से यह विवाद शुरू हो गया है। आज इस मामले में रालोद नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से सड़क का नाम शहीद बचन सिंह मार्ग ही कराने की मांग करते हुए नाराजगी जताई है। रालोद के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर के नेतृत्व में रालोद सैनिक प्रकोष्ठ के पदाधिकारी सोल्जर बोर्ड पर एकत्र हुए और शहीद बचन सिंह की शहादत व उनके परिजनों की भावनाओं का अपमान करने के आरोप लगाते हुए शहीद बचन मार्ग का नाम बदलने को लेकर गहरा रोष प्रकट किया। इस प्रदर्शन में पूर्व सैनिक और शहीद बचन सिंह परिजन तथा गांव पचैण्डा के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल रहे। सोल्जर बोर्ड से ये लोग शहीद बचन सिंह की प्रतिमा पर पहुंचे और शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए मंत्री कपिल देव अग्रवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यहां से इनका जुलूस पैदल ही कलेक्ट्रेट पहुंचा। यहां पर इन लोगों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर शहीद बचन के नाम मार्ग का नाम बदलने पर रोष जताया और मंत्री कपिल देव के खिलाफ भी लगातार नारेबाजी करते रहे। इस प्रकरण को लेकर मंत्री कपिल देव अग्रवाल का कहना है कि गुरू सिंह सभा के लोगों ने उनसे गुरूनानक देव के नाम पर गांधी कालौनी सड़क का नामकरण करने का आग्रह किया था, जिसको लेकर उन्होंने पिछले दिनों सड़क के नामकरण का उद्घाटन किया। उनको यह जानकारी नहीं थी कि इस सड़क का पूर्व में शहीद बचन सिंह के बलिदान के लिए नामकरण हो चुका है।




