मदरसों के सर्वेक्षण के फैसले को अनुचित बताते हुए मुत्तेहिदा महाज़ के बैनर तले मुस्लिमों ने ज्ञापन दिया

मुज़फ्फरनगर। मदरसों के सर्वेक्षण के फैसले को अनुचित बताते हुए मुत्तेहिदा महाज़ के बैनर तले मुस्लिमों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए राष्ट्पति द्रोपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन दिया। अध्यक्ष शाहनवाज़ आफताब ने कहा कि कुछ राज्य सरकारो द्वारा धार्मिक मदरसों का सर्वे आदेश वास्तव में मदरसो और हिन्दुस्तानियों के बीच इन्हे सन्देहास्पद बनाने की एक घिनौनी और नापाक साजिश है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक मदरसो का एक उज्ज्वल इतिहास रहा है।स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मदरसो से निकले उलेमाओं ने असाधारण बलिदान दिया है और आजादी के बाद भी ये संस्थाए गरीब वर्गों को शिक्षा प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। इन संस्थानों में चरित्र निर्माण और नैतिक प्रशिक्षण का आयोजन चौबीसो घण्टो किया जाता है। सत्ताधारी दल के पुराने और प्रभावशाली नेता लाल कृष्ण आडवानी जब देश के गृहमंत्री थे उन्होने भी उपरोक्त तथ्य स्वीकार किये थे । डॉक्टर राजेन्द प्रसाद, पंडित नेहरू, ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम, और मौलाना आजाद जैसे देश के कददावर नेतृत्व ने मदरसो की सेवाओ को स्वीकार किया है। ज्ञापन में कहा गया कि
सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्रा की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि देश के मुसलमानो की आर्थिक सामाजिक व शैक्षिक स्थिति दलितों से भी बदत्तर हो चुकी है सभी राजनैतिक दलो ने इनके पिछडेपन को दूर करने का ठोस एवं गम्भीर प्रयास नहीं किया है।
महाज़ के कार्यकर्ताओं ने इस सर्वे पर शक जताया। उन्होंने कहा कि मदरसो का सर्वे निष्पक्ष ईमानदारी पारदर्शिता से करा जाये और मुस्लिम बहुल इलाको मे स्कूल कॉलेज खोले जाकर सच्चर कमेटी व रंगनाथ मिश्रा की रिपोर्ट जो दशको से सरकारी दफ्तर मे धूल मे सटी हुई है को लागू किया जाये। तभी सरकार का सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास का सपना साकार होगा। ज्ञापन देने वालो में मुत्तेहिदा महाज़ के अध्यक्ष शाहनवाज आफताब, महबूब आलम एडवोकेट, फेजयाब खान एडवोकेट, हाजी मुन्नवर हसन एडवोकेट, मुजफ्फर अहमद, सय्यद अल एडवोकेट, इनाम ईलाही एडवोकेट, आस मौहम्मद त्यागी एडवोकेट, नवाज हुसैन एडवोकेट, शहजाद एडवोकेट, अनवारूल हक एडवोकेट, नदीम खान सबासद, शाहरूख एडवोकेट, मुकीन एडवोकेट, नदीम अंसारी एडवोकेट मौजूद रहे।