युवक की संदिग्ध मौत के मामले में गिरफ्तारी की मांग को लेकर दलितों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

घटना की मजिस्ट्रियल जांच और पुलिस पर कार्रवाई की मांग, निर्दोषों से वापस लिये जाएं मुकदमे मुजफ्फरनगर में गत 28 नवंबर को हुई युवक की संदिग्ध मौत को लेकर दलितों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को दिये गए ज्ञापन में मांग की गई कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाए। पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस मामले में पुलिस की भूमिका की जांच कार्रवाई की मांग की गई।
शनिवार को दलित समाज के सैकड़ो लोग भीम आर्मी नेता उपकार बावरा के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे। लकड़संधा गांव निवासी महिला शिवानी ने कहा कि उसके पति मनोज की 28 नवंबर की रात संदिग्ध मौत हो गई थी। बताया कि घटना की जानकारी बुढाना मोड चौकी पहुंचकर पुलिस को दी गई। परिजनों काे शक था कि मनोज की हत्या की गई है। आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी ने दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज न कर बहला फुसलाकर मनोज की मृत्यु को नील गाय की टक्कर से बताकर 5 लाख की सरकारी सहायता का लालच देकर बरगा लिया। आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को जनबूझकर रफा कराना चाहा। मांग की गई कि पुलिस मनोज के हत्यारों को अरेस्ट करे। मनोज के स्वजन ने प्रदर्शन करते हुए घटना की मजिस्ट्रियल जांच की भी मांग की। भीम आर्मी नेता उपकार बावरा ने कहा कि दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अनूप सिंह को सौंपा। जिसमें अपनी व्यथा बयान करते हुए मृतक के स्वजन ने कहा कि हत्यारोपियों की गिरफ़्तारी की मांग को प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने उनके विरुद्ध ही रोड जाम करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। मांग की कि उनसे मुकदमा खारिज कराया जाए।




