अधिकारों के संरक्षण से ज्यादा फिलहाल स्वास्थ्य की चिंता जरूरी: प्रमोद

कोविड महामारी के बीच फिलहाल हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारी सभी जरूरतों या अधिकारों से देश बड़ा है। मौजूदा कोविड-19 वैश्विक महामारी से स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। लोग अपने प्रियजनों को खो रहे हैं इससे ज्यादा पीड़ादायक हमारे लिए कुछ हो नहीं सकता। मैं काफी समय से देख रहा हूं कि आमतौर पर इस बात की चर्चा ज्यादा है कि यदि सरकार राजनीतिक रैलियां कर सकती है तो किसान आंदोलन क्यों नहीं? मैं यहां पर कहना चाहूंगा कि एक गलती से दूसरी गलती सुधारी नहीं जा सकती है। ऐसे हालात में सरकार हो या अन्य जो भी जनसमूह इकट्ठा करता है तो उसको सही नहीं ठहराया जा सकता है।
मैं सभी किसान भाइयों और संगठनों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि समय का तकाजा है कि खुद अपने और दूसरों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए तत्काल कुछ समय के लिए आंदोलन या सभी धरना प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा करने पर विचार करें और इस आपदा से बाहर निकलने के लिए जनहित में अपनी उर्जा और संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल करें।
प्रमोद कुमार
संयोजक
आंदोलन जनकल्याण