हीट स्ट्रोक से बचाव को आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जारी की एडवाईजरी

जिला स्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय, तहसील स्तर पर एस.डी.एम व ब्लाक स्तर पर बी.डी.ओ संभालेगें जिम्मेदारियां
मुजफ्फरनगर। हीट स्ट्रोक से बचने के लिये जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से एडवाईजरी जारी की गयी है ताकि मनुष्य एवं पशु-पक्षियों को होने वाले संभावित नुकसान से बचाया जा सकें। यह एडवाईजरी सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को भेजी गयी है। जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी अपर जिलाधिकारी वित्त गजेन्द्र कुमार बनाये गये हैं। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, पशुपालन विभाग, वन विभाग, अग्निशमन विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निकाय विभाग, पंचायती राज विभाग एवं विद्युत विभाग की जिम्मेदारी तय की गयी है।अपर जिलाधिकारी वित्त गजेन्द्र कुमार ने एडवाईजरी में कहा कि हीट वेव की स्थिति शरीर के कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होनें बताया कि बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने। घूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपडे से ढककर रखें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें। ओ0आर0एस0, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबूं पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचान लिया जाये। उन्होने बताया कि यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें। अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें। पंखे, गीले कपडे का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें। कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी रखा जाये। कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें।
विभागों की तय हुई जिम्मेदारियां
स्वास्थ्य विभाग पर सबसे अधिक जिम्मेदारी आई है। सभी अस्पतालों में जांच, दवाईयां एवं मैडीकल स्टाॅफ की उपलब्धता के लिये कहा गया है। परिवहन विभाग की जिम्मेदारी होगी कि सभी बस स्टैण्ड पर यात्रियों के लिये छाया एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करेगें। शिक्षा विभाग के अधिकारी तेज गर्मी होने पर विद्यालयों का समय परिवर्तन करायेगें। विद्युत विभाग तेज गर्मी में बिजली की सप्लाई चालू रखेगा एवं किसी भी कारणवश सप्लाई ठप होने पर टूटे हुये तार एवं बिजली की सप्लाई को सुनिश्चित करायेगें।
पशु-पक्षियों की जान बचाना भी बहुत जरूरी
जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर द्वारा जारी विज्ञप्ति मे कहा गया है कि जिले मे तापमान बढ रहा है। आने वाले समय में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। गर्मी मे मनुष्य के साथ-साथ सभी प्राणियो को पानी की आवश्यकता होती है। जब मनुष्य को प्यास लगती है तो पानी का संग्रहण कर लेता है अथवा वह कही से भी पानी मांगकर पी लेता है, लेकिन परिंदो व पशुओ को तपती गर्मी मे यहां वहां पानी के लिए भटकना पड़ता है। गर्मियो मे कई परिंदो व पशुओ की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है लोगो का थोड़ा सा प्रयास घरो के आस पास उड़ने वाले परिदो की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचाया जा सकता है गर्मियो मे घरो के आसपास इनकी चहचहाहट बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लोग पक्षियो से प्रेम करे और उनका विशेष ख्याल रखे।
क्या उपाय करे…
घर के बाहर या बालकनी मे छाव वाली जगह पर बर्तन मे पानी भरकर रखे। पानी गर्म हो जाने पर समय-समय पर उसे बदलते रहे। कोई भी जानवर यदि खाना न खाए, सुस्त हो या उल्टी करे, तो डाक्टर को दिखाए। पानी और दाना आदि रख रहे है तो नियमित तौर पर इसे बरकरार रखे। ध्यान रहे कि पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के आकार के लिहाज से ही हो जिससे उन्हे पानी पीने मे असुविधा न हो । और घरो के बाहर भी पानी के बर्तन भरकर रखे, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना मे पानी भरकर रखे, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते है।
नोडल अधिकारी नामित…
लू से बचाव एवं राहत कार्य सुनिश्चित करने के लिये जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। तहसील स्तर पर सभी एस.डी.एम. एवं ब्लाक स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी नोडल अधिकारी होगें।