दगाबाज दोस्त सहित 2 कातिलों को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

मुजफ्फरनगर में युवक को घर से बुलाकर की गई हत्या के मामले में अदालत ने दोनो कातिलों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही इन पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है। यह कार्यवाही एसएसपी अभिषेक यादव के मोनिटरिंग सैल की अदालत में कड़ी पैरवी के चलते सम्भव हो पाई।
बताया गया कि वर्ष 2011 में घर से बुलाकर शहजाद की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में छपार थाने पर मुकदमा कायम कराया गया था। वादी जहीर ने बताया था कि उसका भाई शहजाद देवबंद क्षेत्र के ग्राम राज्जोपुर में मीट की दुकान करता था। उसके भाई की दुकान के बराबर में ही बागोवाली निवासी फैजान की भी मीट की दुकान थी। दोनो की अच्छी दोस्ती थी। 25 जून 2011 को सुबह 10 बजे फैजान उसके भाई शहज़ाद को उसकी बहन जहीरा के घर से बुलाकर ले गया था। फैजान ने शहज़ाद को 50 हजार रूपये व कपडे भी लाने के लिए कहा था। फैजान के बुलावे पर शहज़ाद उसके साथ चला गया था। देर रात तक भी जब वह घर नहीं आया तो उसका साथी साजिद पुत्र खलील निवासी सुजडू शहज़ाद के कपड़े देकर उसकी बहन को चला गया और बताया कि शहजाद मंगलौर चला गया है। लेकिन वह मंगलौर नहीं पहुंचा था। इसके बाद शहज़ाद की तलाश शुरू हुई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया। इस बीच वह बरला पहुंचा। जहां बरला चौकी पर तैनात एक सिपाही ने बताया कि इस युवक की लाश 27 जून को जंगल में ली थी। जिसका पोस्टमार्टम कराकर 30 जून को अज्ञात में उसे दफन भी कर दिया गया हैं। फैजान व साजिद ने हत्या करके शव को यहां फेंक दिया था। इस मामले में दो लोगों के खिलापफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक ने जांच की तो पता चला कि इन लोगों ने ही युवक की हत्या की हैं। इस पूरे प्रकरण में सहायक शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार ने अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. 11 शाकिर हसन के समक्ष गवाहो को पेश किया।
हालांकि दोनो कातिलों ने खुद का गांव की चुनावी रंजिश में हत्या में फंसाये जाने का आरोप लगाया। आरोपी फैजान ने बताया था कि गवाह ने उसके खिलाफ झूठी गवाही दी है। लेकिन सभी साक्ष्य दोनो आरोपियों के विरूद थे। ऐसी स्थिति में न्यायालय ने दोनो को आजीवन कारावास व आर्थिक अर्थ दंड की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने शहर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सुजडू निवासी साजिद पुत्र खलील व फैजान पुत्र नियामत निवासी ग्राम बागोवाली को जेल भेजा था। इन दोनो की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल भी बरामद किया था।
इस मामले की सुनवाई अपर जिला जज 11 के न्यायालय में हुई। जहां अभियोजन पक्ष ने हत्या के मामले में साक्ष्य प्रस्तुत किये। इसके अलावा एसएसपी अभिषेक यादव के मानिटरिंग सैल ने भी इस मामले में पैरवी की, जिसके चलते साजिद व फैजान को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा के बाद पीड़ित परिवार अदालत की कार्यवाही से संतुष्ट दिखा।
शासकीय अधिवक्ता
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कमल कुमार ने बताया कि मौके के गवाहो की गवाही एवं अभियोजन पक्ष की मजबूत पैरवी के चलते दोनो कातिलों को कठोर सजा सुनाई गई है। इसी के साथ धारा 302 व हत्या करके शव छिपाने की धाराओं में दोनो कातिलों को जेल भेज दिया गया हैं।