शाहपुर कस्बे में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास से मना

भाग्य शर्मा
मुजफ्फरनगर के शाहपुर कस्बे में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया।हर वर्ष की तरह नगर के प्रमुख मंदिर सजे रहे। सिद्धपीठ श्री गोकुला देवी मंदिर, श्री बालाजी धाम, प्राचीन शिव मंदिर, लक्ष्येश्वर आश्रम गौशाला, पिपलेश्वर हनुमान मंदिर आदि मंदिरों को फूलों और जगमगाती लाइटों से सजाया गया।
विशेष आकर्षण मे प्राचीन शिव मंदिर और उसके सामने स्थित गौशाला को इक्कीस सौ देशी घी के दीपको से सजाया गया। शिव मंदिर के प्रांगण में मध्य रात्रि तक श्रीश्याम संकीर्तन भी किया गया। इन मंदिरों में छोटे-छोटे बाल गोपालो ने राधा और कृष्ण का रूप बनाकर श्रीकृष्ण लीलाये की। उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वास्तव में ही श्रीराधा और कृष्ण धरती पर उतर आए हो। भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में अष्टमी तिथि का बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के अनेको नाम प्रचलित है जिनमे मनमोहन, केशव, श्याम, गोपाल, कान्हा, श्रीकृष्णा, घनश्याम, बाल मुकुंद, गोपी मनोहर, गोविंद, मुरारी, मुरलीधर आदि नाम जग विख्यात है। आज के दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति,आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बालगोपाल की विशेष पूजा आराधना करने का महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। विद्वान पंडितों के अनुसार इस वर्ष यानी 30 अगस्त दिन सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा ही संयोग बन रहा है। इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर्षण योग में है। इस योग को बेहद ही शुभ योग माना गया है। इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा जिस कारण से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है।