अपना मुज़फ्फरनगर

सास की कातिल बहु व उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा

मुजफ्फरनगर में प्रेम प्रसंग के बीच अपने प्रेमी के साथ मिलकर सास का कत्ल कराने वाली पुत्रवधु व उसके आशिक को अदालत ने हत्या के मामलें में दोषी कराकर देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनो को एक-एक लाख रूपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। इसके अतिरिक्त मुख्य हत्यारोपी प्रेमी को धारा 25 के मामले में दो साल की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी। इस मामले में वादी व अन्य सभी गवाह पक्षद्रोही हो गये थे। जिसके चलते चार आरोपियों को अदालत से बरी किया गया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक नई मंडी थाना क्षेत्र की ए-टू जेड कालौनी में  विगत 11 नवंबर 2017 को  महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को उस समय अंजाम दिया गया था। जब महिला सुबह के समय घर से दूध लेने के लिए पैदल निकली थी। इस मामले में मामले में मृतक की पुत्रवधु भावना सहित तीन लोगों को नामजद कराते हुए मृतका के पुत्र मनीष सिंघल ने मुकदमा दजर् कराया था। मनीष ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी पत्नी भावना, साले रजत व ससुर मदनलाल ने मिलकर उसकी माता राधा रानी की गोली मारकर हत्या कर दी है। जिसके बाद पुलिस ने भावना को तो जांच में दोषी पाया, लेकिन उसके पिता व भाई का कहीं भी इस मामले में लिप्त होना नहीं पाया गया। बल्कि पूरा प्रकरण भावना व उसके प्रेमी मोहित पुत्र अग्रेश निवासी सिखेडा के इर्द गिर्द पाया। जांच के दौरान पुलिस ने अग्रेश, श्रीमति राजेश , कपिल आदि को भी संदिग्ध पाते हुए इनके खिलाफ चाजर्शीट दाखिल की। सहायक शासकीय अधिवक्ता ललित भारद्वाज व आशीष त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि  यह मुकदमा अपर जिला सत्र न्यायालय संख्या एक  में     विचाराधीन था। अपर जिला जज जय सिंह पुंडीर ने इस मुकदमें में सुनवाई करते हुए माना कि इस हत्याकांड को प्रेमी युगल ने मिलकर अंजाम दिया है। मृतका की पुत्रवधु भावना ने अपने प्रेमी मोहित के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। जबकि मोहित के अन्य परिजनो के विरूद्ध कोई साक्ष्य अदालत में नहीं आ पाया। जिसके चलते यहां अदालत ने इन्हें बरी कर दिया। यहां सहायक शासकीय अधिवक्ताओ ने कुल नौ गवाह पेश किये थे। लेकिन वादी एवं गवाह पक्षद्रोही हो गये थे। इसके बावजूद भी अभियोजन पक्ष ने मुख्य कातिलों को सजा कराने में सफलता प्राप्त कर ली।

काल करके बताई थी कत्ल की कहानी

हत्या के तुरन्त बाद प्रेमी मोहित ने काॅल करके भावना को बताया था कि उसकी सास का काम तमाम कर दिया गया हैं। इसी बिन्दू का खुलासा पुलिस की जांच में हुआ था। विवेचक मदन सिंह बिष्ट ने भावना व मोहित के मोबाइल नम्बरो की काॅल डिटेल खंगाली थी। जिसके बाद पता चला कि हत्या के एक मिनट के भीतर ही मोहित व भावना के बीच लम्बी बातचीत हुई। मोहित की लोेकेशन घटना स्थल की आ रही थी। जबकि नामजदगी भावना के साथ उसके भाई एवं पिता की भी थी, लेकिन पुलिस ने इसी बिन्दू पर जांच को आगे बढाया तो दोनो नामजद आरोपी बेकसूर पाये गये। विवेचक मदन सिंह बिष्ट ने पाया कि मुख्य हत्यारोपी मोहित ने इस हत्याकांड को अपने परिजनो एवं दोस्तो की मदद से मिलकर अंजाम दिया है। ऐसे में चार नये आरोपी पुलिस द्वारा बनाये गये इनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई। लेकिन अदालत में वादी एवं गवाहो के पक्षद्रोही होने के बाद कोई ऐसा साक्ष्य नहीं बचा था कि जो साथियों को सजा हो सके। लेकिन अदालत के सामने सबसे बड़ा सबूत काॅल डिटेल एवं लोकेशन के दस्तावेज थे। जिसके चलते जज जय सिंह पुण्डीर ने प्रेमिका भावना एवं मोहित को सजा योग्य मानते हुए दोनो को उम्रकैद की सजा सुनाई।

सजा पाने वाला निकला रोहित सांडू गैंग का शूटर

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अवगत कराया कि कातिल मोहित चर्चित बदमाश रोहित सांडू गैंग का सदस्य है। उसके खिलाफ 14 मुकदमे भी दर्ज पाये गये है। सहायक शासकीय अधिवक्ता ललित भारद्वाज ने बताया कि सभी साक्ष्य कातिल के पक्ष में पहुंच रहे थे। लेकिन उसका अपराधिक इतिहास एवं इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य इस बात की गवाही दे रहे थे कि हत्या उसने की है। इसके बाद अदालत ने सजा सुनाई गई।

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