अपना मुज़फ्फरनगर
मतदाताओ ने सर्द हवाओं की परवाह न करते हुए दिखाया जोश, बुजुर्ग भी नही हटे पीछे







सभी छह सीटों पर मुख्य मुकबले मे नजर आये भाजपा और गठबंधन प्रत्याशी

मुजफ्फरनगर। पहले चरण में शामिल जनपद मुजफ्फरनगर की सभी छह सीटों पर विधानसभा 2022 के चुनाव के लिए मतदाताओं ने सर्द हवाओं की परवाह न करते हुए मतदान का जोश दिखाने का काम किया। इस चुनाव में सर्दी के बावजूद युवा में उत्साह था तो बुजुर्ग भी जोश के साथ मतदान करने के लिए कोहरे की चादर को चीरते हुए मतदान केन्द्र तक पहुंचे और अपने अपने पसंद के दल के लिए वोट देने का काम किया।

जिले में सभी छः सीटों पर भाजपा बनाम गठबंधन का ही मुकाबला होता दिखाई दिया, लेकिन बसपा और कांग्रेस के साथ जाकर मतदाताओं ने इन दलों के प्रत्याशियों के परिणाम के उलटफेर करने वाली संभावनाओं को धार दी है। इस चुनाव में जैसा की अनुमान लगाया गया था, वैसा ही नजारा आज मतदान के दौरान बूथों पर बनी तस्वीरों से झलकता नजर आया। पूरी तरह से यह सियासी जंग भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशियों के बीच सीधी जंग का रूप लेती हुई नजर आई। गठबंधन के कारण सपा और रालोद के वोट बैंक ने अपने निशान को अपनी वोट से भरपूर गरमाहट देने का काम किया। जहां रालोद प्रत्याशी खड़े हुए हैं, वहां मतदान के दिन सपा के वोट बैंक ने ’नल’ में ही ’साइकिल’ देखने का काम किया तो ’साइकिल’ के निशान पर नल उभरता दिखाई दिया। इस चुनाव में जैसी संभावना थी, उसी के अनुसार कमल भी भरपूर अट्ठहास से खिलखिलाया और भाजपा प्रत्याशियों ने एक मजबूत टक्कर दी थी जनपद की कुछ सीटों पर बसपा का हाथी भी हलका नहीं पड़ा और कहीं नल में ही मतदाताओं ने अपना हाथी देखकर वोट देकर फैसला सुनाने का काम किया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस का हाथ भी मतदाताओं ने मजबूती के साथ थामने का काम कर अपना वोट ईवीएम में बन्द कर दिया है। मतदाताओं ने इस बार साइलेंट वोट कर जिले में राजनीतिक गणित को उलझाने का काम किया है। गुरुवार को विधानसभा चुनाव 2022 का मतदान उत्साह के साथ शुरू हुआ। भारी फोर्स तथा पुलिस के पहरे में कोरोना संक्रमण के साये के कारण सख्त गाइडलाइन के बीच लोगों ने उत्साह के साथ मतदान की शुरूआत की। सवेरे सात बजे से पहले ही जिले बूथों पर मतदाता पहुंचने लगे थे। मतदान को लेकर उत्साह ऐसा था कि सवेरे ही पोलिंग बूथों पर महिलाओं की भी उपस्थिति पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नजर आ रही थी। कोहरे की चादर और बरसती धुंध के साथ ही अलसुबह जिले में ठिठुरन बढ़ाने वाली शीतलहर की परवाह न करते हुए बुजुर्ग मतदाताओं ने भी सवेरे गरम रजाई को त्यागकर वोट करने के लिए बूथों की ओर कदमताल कर राजनीतिक गरमाहट को बढ़ाने का काम किया। 18 साल का युवा हो या 100 साल का वृद्ध, सभी मतदाताओं में आज मतदान के लिए भरपूर उत्साह बना हुआ नजर आया। कई बूथों पर अपना पहला वोट डालने के लिए पहुंचे मतदाताओं ने हाथ की अंगुली पर लगी अमिट स्याही को दर्शाते हुए इसे एक सुखद अनुभव बताया। जनपद में छह सीटों मीरापुर, मुजफ्फरनगर, खतौली, पुरकाजी, बढ़ाना और चरथावल पर आज मतदान हुआ। मतदान के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स के साथ ही पुलिस और पीएसी को भी लगाया गया था। मतदान केन्द्रों पर कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मतदान कर्मी और मतदाताओं के साथ ही सुरक्षा कर्मी भी मास्क पहने नजर आये। बिना मास्क के आने वाले मतदाताओं को सुरक्षा कर्मियों ने लताड़ भी लगाई और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान कराया गया। जनपद में सभी छह विधानसभा सीटों पर मतदान के दौरान भाजपा और गठबंधन प्रत्याशियों का ही जोर बना दिखाई दिया। इन दोनों के बीच ही सीधी टक्कर हुई। हालांकि कुछ सीटों पर बसपा और कांग्रेस को भी मतदाताओं का भरपूर साथ मिला, जबकि एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) सहित अन्य छोटे दलों के प्रत्याशियों के लिए भी मतदाताओं ने अपने वोट का समर्थन दिया, लेकिन जीत और हार के फेर में भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी ही पिक्चर में बने नजर आये। शहरी सीट की बात करें तो यहां पर चुनावी जंग शुरूआत से ही भाजपा के कपिल देव और गठबंधन के प्रत्याशी सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी के बीच बना हुआ रहा। मतदान के दिन भी दोनों प्रत्याशियों को मतदाताओं ने भरपूर आशीर्वाद देने का काम किया है, जिससे यहां पर कांटे की टक्कर दिखाई दी। इस सीट पर जीत और हार के इस नजदीकी मुकाबले को बसपा प्रत्याशी पुष्पांकर पाल का वजूद निर्णायक मोड पर ले जाने वाला साबित हो सकता है । कांग्रेस प्रत्याशी पंडित सुबोध शर्मा को भी मतदाताओं का साथ मिलता दिखाई दिया, सुबोध को समर्थन भी यहां पर चैंकाने वाला परिणाम देने में अपनी भूमिका निभा सकता है। इस सीट पर सौरभ स्वरूप को भाजपा के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा था और मतदाताओं के मिजाज के कारण इस संभावना को आज मजबूती मिलती दिखाई दी है। चरथावल सीट पर सपा प्रत्याशी पंकज मलिक और भाजपा की सपना के बीच मुख्य मुकाबला हुआ। यहां पर मतदान से एक दिन पहले ही आप प्रत्याशी यावर रोशन के मैदान से हटकर पंकज को समर्थन करने से जंग रोचक हुई।
जिले की सर्वाधिक संवेदनशील मानी जा रही बुढ़ाना सीट पर सवेरे से ही तीखी सियासी जंग देखने को मिली है। यहां पर भाजपा विधायक उमेश मलिक बूथों के भ्रमण के लिए सवेरे ही निकल पड़े थे। वह समर्थकों के साथ जनता के बीच पहुंचकर जोश बढ़ाते रहे, जबकि गठबंधन के राजपाल बालियान ने भी अपनी पूरी ताकत दिखाई। जाटलैंड के साथ ही मिनी छपरौली की पहचान रखने वाली इस सीट पर जाट मतदाताओं में बिखराव नजर आया। यहां पर मुस्लिम मतदाताओं को नल में ही साइकिल दिखाई दी, तो कमल ने भी खिलखिलाने में कसर नहीं छोड़ी। मीरापुर सीट पर इस बार भी चुनाव काफी रोमांचक हुआ है। यहां पर भाजपा बनाम गठबंधन की सीधी लड़ाई को बसपा के सालिम और कांग्रेस के मौलाना जमील ने और भी रोचक बनाने का काम किया है। मौलाना जमील ने मतदाताओं में काफी सेंधमारी की तो दलित वोटर अपने हाथी के साथ खड़ा दिखाई दिया। खतौली और पुरकाजी में भी चुनाव काफी कांटे वाला हुआ। यहां पर मतदाता भाजपा और गठबंधन के साथ खड़ा रहने कारण सियासी परिणाम की पिक्चर में जीत हार पर ये दोनों दल ही सामने दिखाई दिये। पुरकाजी में गठबंधन प्रत्याशी अनिल कुमार को भी जनता ने भरपूर साथ दिया तो भाजपा के प्रमोद उटवाल भी हलके नहीं पड़े। कांग्रेस के दीपक कुमार ने भी अपने जनाधार को साबित करने के लिए मतदाताओं का साथ पाया। इस सीट पर आजाद समाज पार्टी की उमा किरण को भी वोटरों का साथ मिलता दिखाई दिया। जिले में यह अकेली ऐसी सीट है कि जहां पर चार मुख्य प्रत्याशियों में मुकाबले है, जो ये चारों ही विधानसभा पहुंच चुके हैं।