मोरना-भोपा में शाम ढलते ही सड़कों पर दौड़ते है यमदूत
प्रशासन को जेब की चिन्ता, नही है नागरिकों की जान की परवाह

(काज़ी अमजद अली)
मुज़फ्फरनगर :-मोरना-भोपा-मुज़फ्फरनगर मार्ग पर शाम होते ही ओवरलोड व अनियंत्रित वाहनो का बोलबाला राहगीरों के लिये जानलेवा साबित हो रहा है।प्रतिदिन हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद प्रशासन मौन बना हुआ है जिससे दो पहिया वाहनों सहित आम आदमी का सड़क से गुजरना दुश्वार हो गया है ।
भोपा व ककरौली थाना क्षेत्र के दर्जनों गाँव मे संचालित सैंकड़ों गुड़ कोल्हुओं से गन्ने की खोई अथवा बेगास को ट्रेक्टर ट्रॉली द्वारा जट मुझेड़ा स्थित पेपर मिल्स में पहुँचाया जाता है. ट्रैक्टर के पीछे जोड़ी गयी ट्रॉली में गन्ने की खोई को इस प्रकार लोड किया जाता है कि बराबर में अन्य किसी वाहन को निकलने में बड़ी परेशानी होती है।मानकों के विरुद्ध व अन्यो को होने वाली परेशानी वे बेवरवाह ट्रैक्टर चालक सड़क पर चलते समय अक्सर मोटरसाइकिल सवारों को अपनी चपेट में ले लेते हैं. जिससे कई व्यक्तियों की जान अब तक जा चुकी है। वहीं दूसरी ओर वह ट्रैक्टर ट्रॉली भी हैं जो ओवर लोड आदि सभी मानकों को धता बताकर ट्रॉली में लकड़ियों का अंबार लगा कर मार्ग से गुजर रहे हैं.हिचकोले खाती ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रॉली कब किसकी जान ले ले कब किसके परिवार पर क़यामत बरपा कर दे इसकी कल्पना भी बेहद भयावह है। ट्रॉली में काफी ऊँचाई तक भरी भारी लकड़ियों को रोकने के लिये न तो कोई मज़बूत साधन है और न सुरक्षा को लेकर कोई गम्भीरता।पुलिस थानों व के सामने से गुजरते ये खतरनाक व जानलेवा वाहन नियम कायदों की खिल्ली उड़ाने के लिये काफी है। ऐसे में जब मुज़फ्फरनगर — शुक्रताल मार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है। सड़क के दोनो ओर खुदाई का कार्य जारी है। खुदाई के कारण जहां सड़क के दोनों ओर गड्ढे हो गये हैं तथा मार्ग की चौड़ाई भी फिलहाल कम रह गयी है।ऐसे में गन्ने की खोई अथवा लकड़ियों से भरी ट्रैक्टर टोलियां राहगीरों के लिये आफत बन गयी हैं इन वाहनों से अवैध उगाही करते कर्मचारी चन्द सिक्कों की ख़ातिर नागरिकों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं।अधिकतर ट्रेक्टर्स के कागजात न होने की सूरत में दुर्घटना होने पर क्लेम आदि भी नही मिल पाता है। अनेक परिवारों को मौत का घाव देने वाले वाहनों पर नियंत्रण न हुआ तो आगे भी हादसों का सिलसिला बरकरार रहेगा ।