बीजेपी सरकार पर वायदा खिलाफ़ी का इल्ज़ाम, कलक्टर के दफ्तर पर BKU का घेरा

मुज़फ्फरनगर में भाजपा सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिया। केन्द्र सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे भाकियू पदाधिकारी भाजपा नेताओं पर जमकर भड़के।
उन्होंने रविवार को बुढाना में आयोजित पंचायत में भाजपा के पूर्व विधायक उमेश मलिक के बयान को केन्द्र में रख जमकर भड़ास निकाली।भाकियू प्रदेश महासचिव धीरज लाटियान ने ऐलान किया कि किसान केसरिया टोपी व केसरिया पटके वालों को गांव में घुसने न दे।
सोमवार को कलक्ट्रेट में धरने पर बैठे भाकियू नेताओं ने भाजपा नेता उमेश मलिक को निशाने पर रखा। दरअसल उमेश मलिक बुढ़ाना विधानसभा सीट से इस बार सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राजपाल बालियान के मुकाबले चुनाव हार चुके हैं। रविवार को उन्होंने बुढ़ाना के महावीर चौक के पास कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर क्षेत्रवासियों का आभार जताया था। इस दौरान उन्होंने मुखर बयानबाजी की थी। भारतीय किसान यूनियन के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीधे तौर पर भगा भगाकर मारने और यूनियन पर गुण्डागर्दी करने, अपराधियों को संरक्षण जैसे गंभीर आरोप लगाये थे।
इस पर पलटवार करते हुए सोमवार को भाकियू प्रदेश महासचिव धीरज लाटियान ने कहा कि एक विधायक हारकर बुरी तरह बौखला रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें होश नहीं खोना है। किसान संघर्ष के सहारे हक की लड़ाई लड़ते आये हैं और लड़ते रहेंगे। कहा कि हरी टोपी किसानों के सम्मान का प्रतीक है, संघर्ष की लौ है और भाईचारा व एकजुटता की पहचान है। धीरज लाटियान ने हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति और उमेश मलिक के एक समुदाय विशेष के खिलाफ की गई तीखी टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मुसलमान भाकियू के पदाधिकारी हैं तो कार्यकर्ता भी हैं। यूनियन कभी भी हिन्दू-मुस्लिम की बात नहीं करती। केवल किसान बिरादरी के लिए संघर्ष करती है। कोई हिन्दू-मुस्लिम की बात करता है तो वह समाज को विघटित करना चाहता है। कहा कि हार को पचाना सीखना चाहिए। इस प्रदर्शन में हरी टोपी वाले ही बैठे हैं, किसी में हिम्मत है तो उनको यहां से भगाकर दिखाये। इसके साथ ही धीरज लाटियान ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह ऐलान करते हैं कि उमेश मलिक में हिम्मत है तो वह केसरिया टोपी पहनकर गांवों में घुसें, उन्होंने कहा कि केसरिया टोपी और केसरिया पटका वालों को गांवों में घुसने नहीं दिया जायेगा। प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक ने कहा कि एक नेता बावला हो गया है, हमारे 13 महीने के आंदोलन को दिल्ली बॉर्डर पर पूरे हिन्दुस्तान ने देखा है और हिन्दुस्तान की सरकार की हिम्मत नहीं हुई कि हरी टोपी वालों को छेड़ सके या वहां से भगा दे। ये जो छोटे मोटे लोग बकवास कर रहे हैं, उसका कोई फायदा नहीं है। प्रशासन को भी यह ध्यान रखना होगा कि यूनियन का कोई कार्यकर्ता समस्या लेकर आये तो उसका सम्मान से सुने और हल करायें। सहारनपुर मंडल अध्यख नवीन राठी ने कहा कि आज हम जिला मुख्यालय पर बैठे हैं और किसानों की समस्याओं को लेकर जल्द ही तहसीलों में धरना होगा। ये जो बकवास कर रहा है, इसको तो यूनियन की बुढ़ाना की टीम ही ठीक कर देंगी, आप सभी संगठित रहो और मजबूत बनो। उन्होंने कहा कि 2008 में हम भी प्रधान थे ओर ये भी प्रधान थे, डीएम कार्यालय पर गांव की समस्या को लेकर इनकी धरना देने की हिम्मत नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि बाबा टिकैत ने किसानों के मान सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी और किसानों की एकजुटता के लिए हरी टोपी बाबा टिकैत की देन है। हरी टोपी वाले बाबा टिकैत के शेर हैं, किसी को मुगालता हो तो दूर कर ले। भाकियू नेताओं ने इस धरने के दौरान सीधे तौर पर उमेश मलिक को ही निशाने पर लिया है। इसको देखते हुए बुढ़ाना क्षेत्र के गांवों में आपसी टकराव की बड़ी संभावना बन गई है, जिसको लेकर आगामी दिनों में जिला पुलिस प्रशासन का भी सिरदर्द बढ़ सकता है। भाकियू के धरने पर भाजपा और यूनियन की खींचतान को लेकर एक रहस्य को भी उजागर किया गया है। भाकियू नेता धीरज लाटियान ने कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, यूनियन की कभी सरकार से बनी नहीं है, लेकिन हमेशा से ही सत्ता के कुछ लोग यूनियन के नेताओं के साथ मिले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आज हरी टोपी को गुण्डों की पहचान बता रहा है, वह पूर्व में भी कई बार यह टोपी ओढ़कर यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के सामने खड़ा नजर आया है और जल्द ही यही व्यक्ति यूनियन की हरी टोपी पहने नजर आयेगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस व्यक्ति का अपनी पार्टी और नेतृत्व से विश्वास उठ चुका हो और यूनियन में आने के लिए उसने बात चलाई हो। क्योंकि जो भी यूनियन के खिलाफ बोला है, एक महीने के बाद ही वह यूनियन में खड़ा नजर आया है। धरने के बाद भाकियू नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें केन्द्र पर वादाखिलाफी करने तथा एमएसपी गारंटी कानून न बनाने एवं केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की बर्खास्तगी की मांग की गई।