जीपीएफ घोटाले में मुंशी का आगरा तबादला, बाबू सस्पेंड
-आरोपितों से रिकवरी की जाएगी, जांच में कई अहम सुबूत मिले
-अभी तक की कार्यवाही की रिपोर्ट डीएम चंद्र भूषण सिंह को भेजी
मुजफ्फरनगर। नलकूप खंड कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जीपीएफ धोखाधड़ी मामले में आरोपित मुंशी विशाल को आगरा अटैच किया गया है। इसके साथ ही जीपीएफ पटल देखने वाले बाबू अंकुल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस मामले की जांच में जांच टीम को कई अहम सुबूत मिले हैं। आरोपित मुंशी को पूर्व में सस्पेंड किया गया था। बता दें कि मेरठ रोड स्थित डीएम आवास के समीप स्थित नलकूप खंड कार्यालय में बीते दिनों एक अलमारी में आग लगा दी थी। इस मामले में विभाग के मुंशी विशाल के खिलाफ कोतवाली में जीपीएफ से संबंधित दस्तावेज जलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। विशाल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई। इसके लिए अधीक्षण अभियंता सहारनपुर अनिल शर्मा ने अधिशासी अभियंता नलकूप खंड-सहारनपुर के अधिशासी अभियंता राकेश कपूर, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड मुजफ्फरनगर राकेश कुमार और नलकूप खंड मुजफ्फरनगर के लेखाधिकारी सचिन वर्मा को जांच सौंपी थी। जांच टीम ने उस अलमारी को खोलकर देखा, जिसमें आग लगाई गई गई थी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जीपीएफ से संबंधित अधि कांश दस्तावेज जले हुए मिले हैं। वहीं टीम को कुछ ऐसे सुबूत मिले हैं, जिनमें मुंशी विशाल के साथ ही जीपीएफ पटल देख रहे बाबू अंकुल भी दोषी है। इस मामले में विशाल को पूर्व में सस्पेंड कर दिया था। अब विशाल को आगरा कार्यालय से अटैच किया गया है। वहीं अंकुल को सस्पेंड कर दिया है। अभी तक की कार्यवाही की रिपोर्ट डीएम चंद्र भूषण सिंह को भेजी गई है। नलकूप खंड कार्यालय के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। आरोपितों से रिकवरी की जाएगी। जांच में कई अहम सुबूत मिले हैं। सीडीओ भी कराएंगे जांच इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव भी जांच कराएंगे। डीएम चंद्र भूषण सिंह की ओर से उन्हें इसके लिए पत्र जारी हुआ है। सीडीओ ने बताया कि नलकूप विभाग में चल रहे प्रकरण की अपने स्तर से जांच कराएंगे। इसके लिए जल्द ही टीम गठित होगी।