कावड़ से पहले ही नई लाइटों से जगमग होगा गंगनहर घाट

शिव भक्तों के स्वागत के लिए खतौली में तैयारियों में जुटा प्रशासन
मुजफ्फरनगर। खतौली का गंगनहर घाट इस बार शिव भक्तों का अनोखे अंदाज में स्वागत करेगा। गंगनहर घाट का सुंदरीकरण किया गया है, जो कांवड़ यात्रा में भव्य रूप से जगमग होगा। इसके लिए नगर पालिका परिषद और स्थानीय प्रशासन जोरों शोरों से तैयारी कर रहा है। गंगनहर के निकट कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने लगभग 50 लाख रुपये के बजट से गंगनहर घाट को संवारा है। यहां अंग्रेजों के समय में बने पुल को स्थायी रूप से बंद कर लोहे का जाल लगा दिया गया है। पुल पर कुर्सियां लगवाने के अलावा लाइट भी लगी है। कोविड-19 संक्रमण काल के कारण दो वर्ष से कांवड़ यात्रा नहीं हो सकी है। इस वर्ष कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों की भीड़ अधिक रहने का अनुमान है। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन एक-एक बिंदु पर तैयारी कर रहा है। दिल्ली से हरिद्वार की हरकी पैड़ी तक बाबा भोलेनाथ का जयघोष गूंजता है, लेकिन खतौली का गंगनहर घाट इस बार बाबा के भक्तों का भव्य स्वागत करेगा। घाट पर एक ओर मां गंगा की आरती होती है, जबकि कांवड़ में बम-बम भोले गूंजेगा। नगर पालिका गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगी हुई है। गंगनहर घाट के साथ नेशनल हाईवे पर भी इस बार विशेष सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। इसको लेकर अधिकारी कार्य योजना बनाने में लगे हैं, ताकि समय पर व्यवस्था को पूर्ण कराया जा सके। गंगनहर घाट, कांवड़ पटरी मार्ग के अलावा कस्बे के भीतर भी पथ प्रकाश, पेयजल और सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है। गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर कांवड़ियों का दबाव अधिक रहता है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर बाबा के भक्त इसी मार्ग से अपने शिवालयों की तरफ बढ़ते हैं। सिंचाई विभाग ने गंगनहर के नए पुल के नीचे मिट्टी का भराव कर रेत से भरकर कट्टे लगाए हैं, ताकि बरसात में मिट्टी का कटान रोका जा सके।




