अपनी ही सरकार में उलझी चेयरपर्सन, पुलिस ने घोटाले में बनाया आरोपी, कोर्ट ने किया तलब

मुज़फ्फरनगर।अपनी ही सरकार में “अपनो” के साथ चल रहे शह व मात के खेल में अब पालिका की चैयरपर्सन अंजू अग्रवाल को मात मिल गई है। परेशानियों से घिरने के बाद BJP के परिवार में शामिल होने का फैसला भी उनके लिए ज्यादा मुफीद साबित नही हुआ। पहले गबन के आरोप साबित हुए। इसके बाद अधिकार सीज, और अब लाखों रुपये के हुए चर्चित गारबेज टिपर वाहन घोटोले में पालिका चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल भी लिपट गई हैं। धोखाधड़ी के मुकदमे की विवेचना करते हुए शहर कोतवाली पुलिस ने पालिका चेयरपर्सन को आरोपित बनाते हुए कोर्ट में उनके विरुद्ध भी चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसीजेएम कोर्ट ने जिसका संज्ञान लेते हुए उन्हें दस अक्टूबर को तलब किया है। इसी के साथ पुलिस ने कुछ बाबुओ को राहत दी तो चेयर पर्सन के वफादार जांच में लिपट गए।
नगर पालिका प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त ग्रांट से 35 गारबेज टिपर वाहन की खरीद का करार मेसर्स गोल्डन ट्राइंगल सर्विसेज से किया था। करार के तहत कंपनी पालिका को 35 गारबेज वाहन की आपूर्ति करने वाली थी। कंपनी के मालिक ठेकेदार अंबरीश उर्फ लवी त्यागी ने अनुबंध के बाद पालिका को 35 में से 11 गारबेज टिपर वाहन की आपूर्ति की थी, जबकि ठेकेदार को इससे कहीं ज्यादा का अग्रिम भुगतान पालिका प्रशासन कर चुका था। इसके बाद विपक्षी सभासद राजीव शर्मा और मनोज वर्मा की शिकायत पर जांच बैठी। इस मामले में वित्तीय अनियमितता को लेकर दोनों सभासादों ने चेयरपर्सन को घेरने का प्रयास किया। तत्कालीन डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने इस मामले में जांच समिति का गठन किया, जिसमें नगर पालिका ईओ हेमराज सिंह भी शामिल रहे। जांच समिति ने कंपनी को वाहन आपूर्ति के मुकाबले 82 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किये जाने पर कार्यवाही की संस्तुति के साथ रिपोर्ट डीएम को भेज दी थी। शिकायतकर्ता से BJP के ही सभासद राजीव शर्मा ने लखनऊ तक इस मामले को पहुंचाया।
इधर तत्कालीन डीएम सेल्वा कुमारी जे के आदेश पर जांच के दौरान अग्रिम भुगतान के रूप में वित्तीय अनियमितता साबित हुई थी। जिसके बाद तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार ने 9 अगस्त 2021 को धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कंपनी गोल्डन ट्राइंगल और ठेकेदार अम्बरीश उर्फ लवी त्यागी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 एवं 406 के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज कराई थी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार ने आरोप लगाया था कि 1.58 करोड़ का पालिका से अग्रिम भुगतान लेने के बावजूद कंपनी ने केवल 11 गारबेज टिपर वाहनों की आपूर्ति की। आरोप था कि कंपनी ने टेंडर लेने के लिए दस्तावेज फर्जी लगाए थे। साथ ही, अन्य अनियमितता भी की थीं। इसके बाद इस मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार ने ईओ पालिका हेमराज सिंह को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कंपनी पर गारबेज वाहन आपूर्ति के लिए किए गए अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कंपनी के साथ किए गए अनुबंध को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया। उन्होंने धारा-23 के अंतर्गत कंपनी के साथ पालिका प्रशासन के अनुबंध को निरस्त करने की संस्तुति की। इस पर ईओ हेमराज सिंह ने उनकी रिपोर्ट को सही ठहराते हुए कंपनी से 20 अगस्त 2021 को अनुबंध निरस्त करने की संस्तुति कर दी। ईओ ने अंतिम आदेश के लिए रिपोर्ट पालिका चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को भेज दी। लेकिन उन्होंने कंपनी का ठेका निरस्त नहीं किया। बल्कि शेष वाहनों की आपूर्ति की मंजूरी प्रदान कर दी। कंपनी ने इसके बाद कई वाहनों की आपूर्ति की, लेकिन पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने इनको नहीं लिया। अब नगर पालिका का नगर निगम में विस्तार भी जल्दी ही प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि अगले 10 दिन में मुज़फ्फरनगर पालिका को नगर निगम के नाम से जाना जा सकता है। खुद स्वतन्त्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल नगर को विकास की डगर पर तेज़ी से दौड़ाना चाहते है। ऐसे में नगर निगम के प्रस्ताव पर मोहर लगना तय है।
कार्यकाल के अंतिम चरण में हुई फ़ज़ीहत

अंजू अग्रवाल कांग्रेस के सिम्बल पर जीतकर जनप्रतिनिधि चुनी गई थी। मगर उन्होंने शिकायत के बाद BJP के पाले में जाना मुनासिब समझा। मगर वहाँ भी उन्हें साथ नही मिला। जिसका नतीजा यह हुआ कि यहाँ भी उन्हें राहत नही मिल पाई। अब कार्यकाल के अंतिम चरण में फ़जीहत और हो गई।