अपना मुज़फ्फरनगर

अपना ब्लॉक प्रमुख बचाने एकजुट हुए रालोद के पांच विधायक

बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख की जांच का मुद्दा लेकर डीएम से मिले  विधायक, सपा जिलाध्यक्ष भी रहे साथ 
-सत्ता के लोगों पर बिना वजह परेशान करने के लगाये आरोप, एक साल से नहीं होने दी जा रही बोर्ड बैठक
-उत्तराखंड बॉर्डर के गांव कैल्लनपुर के तालाब का मामला भी उठाया, एसडीएम सदर को डीएम ने सौंपी जांच
मुजफ्फरनगर। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा सरकार में विपक्ष बेहाल है। आज विपक्षी नेताओं के बकौल उनके जनप्रतिनिधियों को अपनी कुर्सी बचानी भारी पड़ रही है। आरोप है कि सत्ता पक्ष के लोग साजिशन उनके जनप्रतिनिधियों को तथाकथित भ्रष्टाचार में फंसाने के लिए जुटे हुए हैं। आज बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख और उनके पुत्र के खिलाफ ऐसी ही साजिश के आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय लोकदल के पांच विधायकों के साथ ही सपा और रालोद नेताओं ने जिलाधिकारी से मुलाकात करते हुए अपनी कुछ समस्याओं को उठाया और जनपद में विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ हो रही साजिश के तहत दबाव में कोई भी काम नहीं करने की मांग की है। रालोद विधायकों ने मुख्यतः विपक्ष की जनपद में एक मात्र ब्लॉक प्रमुख बुढ़ाना और उनके पुत्र का मुद्दा उठाते हुए सत्ता पक्ष के लोगों पर निर्वाचन के एक साल बाद भी बोर्ड मीटिंग नहीं करने देने के आरोप लगाते हुए बोर्ड मीटिंग की अनुमति प्रदान करने और सुरक्षा व्यवस्था में यह मीटिंग कराने की मांग की है। बता दें कि जुलाई 2021 में जनपद में हुए ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान जनपद में भाजपा का परचम लहराया था। नौ में से सात में भाजपा के समर्थित प्रत्याशी जीते, जबकि बुढ़ाना में सपा रालोद गठबंधन की समर्थित प्रत्याशी पाल्लो देवी ने चुनाव जीता। चुनाव जीतने के बाद से ही बुढ़ाना में पाल्लो देवी और उनके पुत्र विनोद कुमार के खिलाफ कई मामलों में आरोप सामने आते रहे हैं।
मार्च 2022 में बुढ़ाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह ने मौजूदा ब्लाक प्रमुख पाल्लो देवी और उनके पुत्र विनोद मलिक पर विकास कार्यो के नाम पर 50 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाया। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सौंदर्यीकरण के नाम पर कार्यालय कक्ष को तोड़कर नया बनाया। इटावा, बड़कता और बिटावदा गांवों में मंदिर और मस्जिद के अंदर विकास कार्य कराए, जो क्षेत्र पंचायत की नियमावली के विरुद्ध है। तीन साल पूर्व जो कार्य कराए थे, उन्हें अब दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत इटवा, बिटावदा, बड़कता, बिराल, गढ़ी नौवाबाद, हरियाखेड़ा, दुर्गनपुर, इटावा में हुए विकास कार्यो की घोटाला किया गया। उनका यह भी कहना था कि शपथ लेने के बाद आज तक बोर्ड बैठक नहीं बुलाई गई। ब्लाक प्रमुख के पुत्र विनोद मलिक ने सभी आरोपों को नकाराते हुए उल्टे पूर्व ब्लाक प्रमुख पर गलत तरीके से कार्य कराने के आरोप लगाए थे। इस मामले में डीएम के निर्देश पर सीडीओ आलोक यादव ने जांच बैठा दी और एडीएम वित्त एवं राजस्व और डीआरडीए के पीडी प्रमोद कुमार यादव को जांच सौंपी गई। शुक्रवार को इसी प्रकरण में रालोद के पांच विधायकों और सपा व रालोद नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम चंद्रभूषण सिंह से मुलाकात की और कई मुद्दों को उठाया। इसमें विधायकों ने कहा कि बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख चूंकि विपक्षी हैं तो सत्ता पक्ष के दबाव में कुछ लोग और अधिकारी भी उनको परेशान कर रहे हैं। चुनाव के एक साल के बाद भी बुढ़ाना में क्षेत्र पंचायत की बोर्ड बैठक नहीं होने दी जा रही है। जबकि कई बाद ब्लॉक प्रमुख के निर्देश पर इसके लिए बीडीओ द्वारा एजंेडा जारी किया जा चुका है। हर बार प्रशासनिक स्तर से ये बोर्ड बैठक निरस्त करा दी जाती है। इससे क्षेत्र का विकास ठप पड़ा हुआ है और कई जनहित की योजनाओं का कार्यान्वयन कराने में परेशानी हो रही है। रालोद विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख पाल्लो देवी और उनके पुत्र विनोद मलिक के खिलाफ झूठा भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सत्ता पक्ष के लोग उनके अधिकार सीज कराने की साजिश रच रहे हैं, ताकि शासन ने अपने मनमाने तरीके से समिति का गठन कराकर यहां पर अपना अधिपत्य स्थापित कर सकें। उन्होंने डीएम से मांग करते हुए कहा कि बुढ़ाना ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ आई शिकायतों पर चल रही जांच का वह निष्पक्ष और जीरो टोलरेंस की नीति के साथ निस्तारण करें। किसी भी दबाव में जनहित के विपरीत कोई भी निर्णय न लिया जाये। इसके साथ ही उन्होंने बुढ़ाना क्षेत्र पंचायत बोर्ड की बैठक का आयोजन कराने की अनुमति देने की मांग भी की। इसके साथ ही विधायकों ने पुरकाजी क्षेत्र के गांव कैल्लनपुर में तालाब का मामला भी उठाया और उत्तराखंड बॉर्डर के इस गांव में पनप रहे विवाद का निस्तारण कराने की मांग रखी। इस मामले में डीएम ने एसडीएम सदर से रिपोर्ट मांगी है।
वहीं जिला पंचायत में भी विपक्षी जनप्रतिनिधियों का मामला उठाया गया। इस दौरान विधायक पुरकाजी अनिल कुमार, विधायक मीरापुर चंदन सिंह , विधायक बुढ़ाना राजपाल बालियान, विधायक शामली प्रसन्न  चौधरी और थानाभवन विधायक अशरफ अली खां के अलावा सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट, रालोद जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर, पूर्व मंत्री  योगराज सिंह के साथ ही सपा व रालोद के अन्य नेता मौजूद रहे।
अपने प्रस्ताव अब डीएम को सौंपेगे विपक्षी जिला पंचायत सदस्य
मुजफ्फरनगर जिला पंचायत में विपक्षी सदस्यों के साथ लगातार जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वालय का 36 का आंकडा चल रहा है। विपक्षी सदस्यों के द्वारा उनके क्षेत्र के विकास की अनदेखी करने और उनके कामकाज नहीं कराने के आरोप समय समय पर लगाते हुए बड़ा आंदोलन किया जा चुका है। भाकियू का भी इनका साथ मिला, लेकिन इसके बाद भी विपक्ष का असंतोष और आक्रोश लगातार बना हुआ है। आज रालोद विधायकों ने इन विपक्षी जिला पंचायत सदस्यों की समस्या को एक बार फिर से जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के सामने रखा और आरोप लगाया कि जिला पंचायत में विपक्षी सदस्यों के कामकाज को शामिल नहीं किया जा रहा है। विधायक अनिल कुमार ने बताया कि जिला पंचायत में सदस्यों की समस्या को लेकर डीएम ने भरोसा दिया कि उनकी बात सुनी जायेंगी। डीएम ने कहा कि जिला पंचायत के विपक्षी सदस्य अपने क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव उनको दें और वह अपने स्तर से उनको जिला पंचायत में रखवाने का काम करेंगे। उनके क्षेत्रों में भी विकास कार्य होगा।

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