14 साल पहले अवैध संबंधों के शक में हुआ था मर्डर, माशूका को उम्रकैद की सजा

मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 14 साल पहले हुई हत्या के मामले में एक महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपियों की मौत होने के कारण उनके विरुद्ध मामला समाप्त हो चुका है। कोर्ट ने दोषी महिला पर 20 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 14 साल पहले खतौली के गांव भंगेला में एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई थी। 16 जून 2008 को विपिन कुमार निवासी गांव भंगेला थाना खतौली ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पिताजी विशंभर सिंह घर से घूमने के लिए 15 जून को रात 9 बजे निकले थे। लेकिन वह घर नहीं पहुंचे। उन्होंने बताया कि काफी तलाशने पर उनका शव गांव के श्मशान के घाट के पास पड़ा मिला था। उन्होंने बताया कि गांव के ही हरेन्द्र और रामदास ने उसके पिता विशंभर सिंह का शव कुछ लोगों को ले जाते देखा। बताया था कि गांव के ही शिवराज उर्फ डब्बू और विकास पुत्र जयकरण और गुलिस्ता पत्नी छोटे खां निवासीगण गांव भंगेला उसके पिताजी का शव गांव के करमे के खेत से होकर ले जा रहे थे। विशंभर सिंह का शव बरामद हुआ था तो उनके शरीर पर कई चोट पाई गई थी। पुलिस ने गुलिस्ता सहित तीनों आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 60 वर्षीय विशंभर की हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि भंगेला निवासी विशंभर सिंह के घर में ही गुलिस्ता रहती थी। जिससे उसके अवैध संबंध थे। बताया कि विशंभर ने गुलिस्ता को घर खाली करने के लिए कहा था। जिस पर वह तैयार नहीं थी। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया था कि गुलिस्ता के शिवराज उर्फ डब्बू और विकास से भी अवैध संबंध थे। जब विशंभर ने गुलिस्ता को मकान खाली करने के लिए कहा तो उसने यह बात विकास और शिवराज से बताई। जिसके बाद तीनों ने मिलकर विशंभर की हत्या कर दी और शव शमशान घाट में फेंक दिया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप शर्मा ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमलता त्यागी ने की। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद इस मामले में आरोपी गुलिस्ता पत्नी छोटे खां को दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने गुलिस्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर 20 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया गया। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपी विकास और शिवराज की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।