मुजफ्फरनगर में होमगार्ड महकमे के भ्रष्टाचार को लेकर सीएम के नाम जारी हुआ दूसरा खुला पत्र

–दो साल से लगातार हो रही शिकायतों की जांच करने को तैयार नहीं अधिकारी
-मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र जारी करके अम्बेडकर युवा मंच ने उच्च स्तरीय कमेटी से जांच की मांग उठाई
मुजफ्फरनगर जनपद में होमगार्ड विभाग के एक अफसर पर संगीन आरोप को लेकर अम्बेडकर युवा मंच ने दूसरा खुला पत्र जारी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम जारी किया गया यह खुला पत्र कलक्ट्रेट सहित विभिन्न महकमों में दीवारों पर भी चस्पा किया गया, जिसमें होमगार्ड विभाग के कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की गई है। आरोप है कि दो साल से लगातार जांच की मांग की जा रही है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे प्रकरण की जांच कराने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि होमगार्ड विभाग के जिस अधिकारी पर आरोप हैं, वें विभाग में बीओ के पद पर तैनात हैं। बीओ जनेश्वर प्रसाद पिछले 20 साल से लगातार एक ही जनपद यानि मुजफ्फरनगर में तैनाती पाये हुए है। इनसे जुड़ी कुछ शिकायतें शासन स्तर पर पहुंची, जिनकी जांच शुरु हुई। मगर यह जांच अभी अटकी हुई थी कि अम्बेडकर युवा मंच के प्रदेशाध्यक्ष राधेश ‘पप्पू’ ने पूरे मामले की कलई उधेड़कर रख दी। इनका आरोप है कि होमगार्ड लाल सिंह के खिलाफ बीओ जनेश्वर प्रसाद द्वारा फर्जी नाम से खुद ही शिकायत करके उनके नौकरी के लिए अंकित पाया। होमगार्ड लाल सिंह ने विभाग में शिकायत की और जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल से मेडिकल कराया, तो वें पूरी तरह से स्वस्थ पाये गये।
दूसरा मामला सहायक कमांडर निशान्त शर्मा का बताया गया है, जिनके बारे में एक फर्जी शिकायत कराई गई, जिसमें कहा गया कि वें होमगार्ड विभाग के साथ-साथ एक सरकारी स्कूल में भी कार्यरत है। शिकायत की जांच मंडलीय कमांडेंट मेरठ जोन द्वारा की गई। यह शिकायत फर्जी पाई गई थी, लेकिन इस बीच इस शिकायत के आधार पर निशान्त शर्मा को ड्यूटी से हटा दिया गया था। इस बीच एक आॅडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई, जिसमें प्लाटून कमांडर सरवेन्द्र कुमार को मंडल कमांडेंट द्वारा 20 हजार रुपये व 20 किलो गुड़ व शक्कर लाने की बात कहते सुना जा रहा है। इसके अलावा आरोप है कि माह जुलाई में अपर जिलाधिकारी प्रशासन कार्यालय पर ड्यूटी की चेकिंग हुई थी, वहां कर्इं होमगार्डों की तैनाती थी, लेकिन ड्यूटी पर चेकिंग में एक होमगार्ड मिला था, जिसमें उसने बताया था कि अन्य होमगार्ड सुविधा शुल्क देकर ड्यूटी से मुक्त हो जाते हैं। एक अन्य महिला होमगार्ड शारदा पाल का भी आरोप है कि उसके विरुद्ध फर्जी शिकायतें कराकर उत्पीड़न किया जा रहा है। जो भी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आरटीआई मांगता है, उसी को नोटिस थमा दिया जाता है या फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
इन मामलों में आरोपी अफसर को क्लीन चिट दी गई। शिकायतकर्ता अम्बेडकर युवा मंच के अध्यक्ष राधेश पप्पू ने खुले पत्र में बताया कि अब तक दिये गये शिकायती पत्रों की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई है कि वें उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गरीब होमगार्डों का शोषण रुकवायेंगे।
राज्य सूचना आयोग में भी कईं मामले हैं लम्बित
होमगार्डों के शोषण को लेकर राज्य सूचना आयोग में भी कईं मामले लम्बित हैं। शिकायतकर्ता राधेश पप्पू ने बताया कि होमगार्डों के उत्पीड़न को लेकर उन्होंने जनहित में कुछ सूचनाएं मांगी थी, लेकिन विभाग ने उन्हें एक भी सूचना नहीं दी, जिसको लेकर उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील कर रखी है, जहां से उन्हें उम्मीद लग रही है कि होमगार्ड विभाग के अधिकारियों पर जुर्माना लगेगा और उन्हें मांगी गई सूचना मिल सकती है।
अफसरों के साथ गठजोड़ का भी आरोप
जो अधिकारी होमगार्डों का शोषण कर रहे हैं, वें इस कार्य में अकेले ही नहीं है, बल्कि उन्हें अफसरों का भी संरक्षण मिल रहा है। खुले पत्र में आरोप लगाया गया है कि सहायक महिला कमांडर मुकेश शर्मा महिला होमगार्डों की मनमजी से ड्यूटी लगवाने के नाम पर बिचौलियें के रूप में काम करती है। जिला कमांडेंट होमगार्ड विजय कुमार सिंह व बीओ जनेश्वर प्रसाद का गठजोड़ चलने की बात इस खुले पत्र में कही गई है।