मुजफ्फरनगर दंगा 2013: दंगे के बीच हुए गैंगरेप मामले की सुनवाई पूरी

नौ मई को आयेगा फैसला, 10 साल बाद पीड़िता को मिल सकता है इंसाफ
मुजफ्फरनगर में वर्ष 2013 में हुए दंगे के बीच सामूहिक बलात्कार के मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मामले की सुनवाई हर रोज चली। अदालत ने अंतिम निर्णय के लिए नौ मई निर्धारित कर दी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में दंगे के दौरान फुगाना थाना क्षेत्र के ग्राम लांक में भीड़ ने कई लोगों की हत्या कर दी थी। घरों को आग लगा दी गई थी। इस बीच कुछ युवकों ने घर में घुसकर महिलाओं को गैंगरेप का शिकार बनाया था। महिला की ओर से गैंगरेप का मुकदमा अलग से दर्ज हुआ था, जिसकी जांच एसआईटी ने की। जांच में पाया कि कुलदीप, महेशवीर व सिकंदर ने महिला के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। अदालत में यह मामला दबा पड़ा था। मुस्लिम महिला के साथ हुई इस घटना को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, जहां से अदालत ने इस मामले के निस्तारण के निर्देश दिये। अधिवक्ता वृन्दा ग्रोवर पिछली तारीख पर अदालत में उपस्थित रही, जहां जानकारी मिली कि अभियोजन पक्ष इस पूरे मामले को साबित कर चुका है यानि इन तीनों ने सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। पीड़िता सहित सात गवाह कोर्ट में पेश हुए थे। एक आरोपी कुलदीप की मौत हो चुकी है। माना जा रहा है कि महेशवीर व सिकंदर पर अदालत का शिकंजा कसा जा सकता है।