IPL शुगर मिल ने कब्ज़ाई हुई थी मरघट की सरकारी जमीन, साढ़े 6 लाख का लगा जुर्माना और मिल हुई बेदखल
ग्रामीणों के पक्ष में आया फैसला…. कब्रिस्तान की निकली जमीन, बेदखल हुई आईपीएल शुगर मिल
शिकायतकर्ता बोले-सत्य की हुई जीत..
UP : मुजफ्फरनगर के रोहाना में बच्चों के कब्रिस्तान को लेकर पिछले एक दशक से चले आ रहे विवाद पर विराम लग गया है। न्यायालय ने इस जमीन को श्मशान घाट मानते हुए इसे कब्जा मुक्त कराने के आदेश दिये है। यह जमीन रोहाना शुगर मिल परिसर के कब्जे में थी। आरोप था की शुगर मिल ने बाउंड्री करके ग्राम पंचायत की जमीन पर कब्ज़ा किया हुआ हैं। आदेश में शुगर मिल पर साढ़े 6 लाख का जुर्माना भी लगाया गया हैं।
पिछले एक दशक से इस जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए प्रयास चल रहे थे। इस मामले में वर्ष 2020 में आईएएस अफसर अनुज मलिक की वह रिपोर्ट भी कारगर साबित हुई, जिसमें उन्होंने इस सम्पत्ति को मरघट की भूमि मानते हुए अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी।
दरअसल, रोहाना शुगर मिल परिसर बाउंड्री स्थित एक जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। ग्रामीणों का दावा था कि यह जमीन बच्चों के कब्रिस्तान की है। वहीं शुगर मिल का कहना था कि यह जमीन उनकी है, क्योंकि यह जमीन शुगर मिल की बाउंड्री के अंदर थी। इसको लेकर भाजपा नेता विपुल बहेड़ी एडवोकेट ने शासन स्तर पर इसकी शिकायत की थी। पिछले कई साल से यह लड़ाई कागजों में चल रही थी। अदालती लड़ाई में कई मोड़ आये। डिप्टी कलेक्टर अनुज मलिक ने भी पूर्व में हुई जांच में इस जमीन को मारघट की जमीन मानी थी।
अब इस मामले में तहसीलदार संजय सिंह की अदालत ने फैसला सुनाया, जिसमें बहेड़ी गांव के श्मशान घाट के खसरा नं. 638 की पांच बीघा जमीन पर इंडियन पोटाश लिमिटेड को बेदखल करते हुए इस जमीन को श्मशान घाट माना गया। तत्काल कब्जा मुक्त करने के आदेश भी दिये गये है। अदालत ने फैसले में माना कि लम्बे समय से इस जमीन में गांव के मृतक बच्चे दफन किये जाते रहे है। यह सम्पत्ति ग्राम पंचायत की है। अवैध कब्जे को लेकर अदालत ने अवैध कब्जाधारी चीनी मिल पर साढ़े छह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
भाजपा नेता बोले :- इंसाफ की हुई जीत
भाजपा नेता विपुल बहेड़ी एडवोकेट ने बताया कि पिछले एक दशक से अधिक समय से वें इस सम्पत्ति को कब्जा मुक्त करने की लड़ाई लड़ रहे थे, जिसको लेकर उन्हें फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े। उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। उन्होंने बताया की इस केस के दोनों गवाह भी पक्ष द्रोही हो गए थे।