अपना मुज़फ्फरनगर

गर्भवती महिला की मौत के 2 दिन बाद जांच को भेजा गया कोरोना का जांच सैम्पल

मेडिकल कॉलिज की लापरवाही आई सामने-

कोविड जांच रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर में विगत 23 अप्रैल को बेगराजपुर स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज में हुई गर्भवती महिला की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट आई तो महिला की कोरोना जांच निगेटिव आई। रिपोर्ट पर निगाह दौड़ाई जाए, तो रिपोर्ट में सैंपल लेने की तिथि 25 अप्रैल दर्शायी गई है, जिसका परिणाम 30 अप्रैल को दिया गया, जबकि 23 अप्रैल को महिला की मौत हो चुकी थी। साफ है कि कहीं न कहीं मेरठ मेडिकल काॅलेज में बनाई गई लैब में भी लापरवाही चल रही है। वहीं इस रिपोर्ट के आने के बाद मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज के उस दिन के कार्यवाहक प्राचार्य डा. एस.के. बख्शी के उन दावो की भी पोल खुल गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिला की जांच रिपोर्ट पाॅजीटिव आई थी, जिसके चलते उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। या तो कोरोना जांच लैब की लापरवाही है या फ़िर मेडिकल काॅलेज की, दोनों में से एक के स्तर पर कहीं न कहीं लापरवाही तो रही है। इसका नतीजा यह हुआ कि एक विवाहिता की जान चली गई, साथ ही एक ऐसे बच्चे ने भी दम तोड़ दिया, जिसने अभी दुनिया में आकर भी नहीं देखा था।

गौरतलब है कि शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पलडी निवासी सचिन सैनी की 30 वर्षीय पत्नी अंजली सैनी को गत 21 अप्रैल को नजला व खांसी महसूस हुई थी, जिसके बाद उसके पति महिला को लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे, लेकिन आरोप है कि शहर के किसी भी फ़िजिशियन ने उन्हें उपचार नहीं दिया था। डाक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का हवाला देते हुए मरीज को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई थी। जिसके बाद अंजली को मुजफ्पफरनगर से वापस शाहपुर ले जाकर स्वास्थ्य केन्द्र में दिखाया गया। जहां कोरोना टेस्ट हुआ, टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जिसके बाद एंटीजन निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर महिला को उपचार दिया गया। यहां से डाॅक्टरों ने अंजली को बेगराजपुर स्थित मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज रैफर किया गया था। यहां सामान्य वार्ड में भर्ती रहने के बाद अंजली को जिला अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच मेरठ मेडिकल काॅलेज से जांच रिपोर्ट भी आ गई, जिसमें अंजली को कोरोना निगेटिव बताया गया था। आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने के बाद यहां के डाॅक्टरों ने फिर से बेगराजपुर के लिए यह कहकर रवाना कर दिया कि यहां वेन्टीलेटर की सुविधा नहीं है। फिर से परिजन अंजली को लेकर मेडिकल काॅलेज पहुंचे, तो यहां उसे भर्ती कर लिया गया। जहां महिला का आक्सीजन लेबल लगातार गिर रहा था। लगातार बिगड़ती हालत देख डाॅक्टरों ने महिला को कोविड वार्ड में भर्ती कर लिया था, जबकि महिला कोरोना संक्रमित थी ही नही। जिसके बाद महिला की मौत हो गई थी। इस मामले में महिला के पति सचिन सैनी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वे डाॅक्टरों की लापरवाही से अपनी पत्नी की जान जाने की बात कह रहे हैं। इसके बाद सभी का ध्यान इस पर गया। इस मामले की जांच बैठाने की बात कही गई, मगर महिला की मौत हुए एक सप्ताह बीत चुका है। न जांच शुरू हुई और न ही किसी पर कोई कार्यवाही। अब आनलाईन जांच रिपोर्ट आई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। यह भी साफ हो गया कि लापरवाही किस हद तक पहुंच चुकी थी। मेरठ स्थित लाला लाजपतराय मेडिकल काॅलेज से आनलाइन जांच रिपोर्ट निकाली गई, तो मृतका के पति सचिन सैनी हैरत में रह गए। उनकी पत्नी की जांच रिपोर्ट निगेटिव थी। बाकी सैंपल लेने की तिथि 25 अप्रैल दर्शायी गई। यानि मौत व दाह संस्कार के दो दिन बाद मेडिकल काॅलेज के स्टाफ ने सैंपल लेकर मेरठ भेजा। जिसको लेकर मृतका के पति सचिन सैनी हैरान है। उनका कहना था कि वे इस मामले में उच्च स्तर तक शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी एवं बच्चे की मौत के लिए जो डाॅक्टर जिम्मेदार है, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
”यह मेरी जिम्मेदारी नहीं कि कब सैंपल लिया गया और कब भेजा गया, न ही मैं किसी मीडिया को फोन पर कोई वर्जन देता हूं। मुझे यह भी नहीं पता कि किसी अंजली की मौत हुई है, जिसे जो भी जानकारी लेनी हो वह मेडिकल काॅलेज आकर करे”।
डा. गुरदीप मनचंदा, सीएमएस, मुजफ्पफरनगर मेडिकल काॅलेज।

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