अपना मुज़फ्फरनगर

दबंग फैमिली का बेटा IFS अफसर.. दबाव में तहसील का अमला.. गरीब परिवार का आरोप

UP के मुजफ्फरनगर- रामराज में प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में दबंगों का राज कायम हो रहा हैं। दबंगों द्वारा जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा हैं। पीडितों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने के बावजूद भी इंसाफ नहीं मिल पा रहा हैं। पीडितों ने प्रशासनिक अधिकारियों व दबंगों द्वारा किये जा रहे उत्पीडन से परेशान होकर प्रदेश मुखिया से इंसाफ की गुहार लगाई हैं।

रविवार को जनपद के थाना रामराज के गांव अहमद वाला निवासी प्रेमपाल सिंह ने मीडिया सैंटर के पत्रकारों से वार्ता करते हुए दबंगों द्वारा किये जा रहे उत्पीडन के बारे में बताते हुए प्रदेश सरकार के मुखिया से इंसाफ की गुहार लगाई हैं। आरोप हैं कि दबंगों को खाकी धारियों का संरक्षण मिल रहा हैं, जिस कारण दबंगों द्वारा उत्पीडन की हदे पार की जा रही हैं। आरोप हैं कि एसडीएम जानसठ व नायब तहसीलदार द्वारा जबरदस्ती जमीन पर कब्जा कराया गया हैं जबकि डोल बंदी को लेकर हाइकोर्ट में मामला विचाराधीन हैं। आरोप हैं कि हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए जमीन को दबंगों को सौप दी। आरोप हैं कि एसडीएम जानसठ का कहना हैं कि उपजाऊ जमीन सरकारी हैं जिस पर केवल सरकार का हक हैं। आरोप हैं कि सरकारी भूमि होने पर भी किसी और को बिना किसी लिखाई पढाई के कैसे सौंप सकते हैं। आरोप हैं कि एसडीएम जानसठ द्वारा करीब छह माह पूर्व भी तीन बीघा जमीन पर भी जबरदस्ती कब्जा कराया गया था। आरोप हैं कि दबंगों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण मिलने पर खेत में खडे पॉपूलर के 130 पेड व दो शीशम के पेड काट लिये गये। आरोप हैं कि प्रशासनिक अधिकारी रसूखदारों के गुलाम बन बैठे हैं जिस कारण आज गरीब असहाय लोगों की सुनवाई कम और उत्पीडन ज्यादा किया जा रहा हैं। पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन पर से भरोसा उठ जाने के बाद पीडितों ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश मुखिया से इंसाफ की गुहार लगाई हैं। प्रेस वार्ता के दौरान राजपाल सिंह, प्रेमपाल सिंह आदि लोग मौजूद रहे हैं।

विनोद कुमार व संतवती प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में कर रहे उत्पीडनः प्रेमपाल सिंह

पीडित प्रेमपाल सिंह का कहना हैं कि विनोद कुमार व संतवती दोनों को पुलिस का संरक्षण मिल रहा हैं, जिस कारण आज उनका बोलबाला हैं। आरोप है कि संतवती का बेटा आईएफएस अधिकारी हैं। जिस कारण अधिकारी भी पीडितों की गुहार को अनदेखा कर दबंगों के हक में लडाई लड रहे हैं। आरोप हैं कि नायब तहसीलदार द्वारा अपने सामने ही खेत में खडी फसल पर ट्रैक्टर चलवाया था। आरोप हैं कि लाखों की कीमत की धान की फसल को किसान की आखों के सामने ही खुर्द बुर्द कर दिया। आरोप हैं कि पिछले डेढ साल से डोल बंदी का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है बावजूद इसके एसडीएम जानसठ द्वारा हाईकोर्ट के मामले को दरकिनार करते हुए अपनी मौजूदगी में दबंगों को जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करवाया गया हैं।

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