अपना मुज़फ्फरनगर

सरकारी संपत्तियों की अवैध नीलामी जारी, SDM से जांच की मांग

मुजफ्फरनगर के कस्बा बुढाना में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हटाना बना मजाक बन गया है अब अवैध कब्जे लगातार जारी हैं।कस्बे में एक परिवार ने नगर पँचायत की आड़ में सरकारी जमीन की बंदरबांट कर करोड़ो की सम्पत्ति अर्जित कर ली गई है।जिसके चलते वह तहसील कर्मियों से सांठगांठ कर सरकारी जमीन पर कब्जे कर उसे बेचने का धँधा चरम सीमा पर है।


आपको बता दें कि मामला कस्बा बुढाना की नगर पंचायत का है। जहां पर एक ही परिवार के भूमाफियाओं ने कस्बे की सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जे खुद कर औरो को करा भी रखे है। इसके बावजूद भी अवैध कब्जे किए जा रहे हैं,क्योकि कोरोडो के वारे न्यारे करने के बाद भी अवैध कार्य करने की आदत बन चुकी है।

जिसके चलते होटल,दुकानें,कोल्ड स्टोर,कब्रिस्तान आदि कुछ भी हो इस परिवार ने जमीन पर अवैध कब्जे करा रखे हैं, इन्हें ना तो कानून कोई सम्मान है ना ही कोई डर है, सत्ता के नशे में चूर उक्त परिवार द्वारा अर्जित की गई अवैध सम्पत्ति पर विकास प्राधिकरण विभाग द्वारा भी ध्वस्तीकरण के आदेश होने के बावजूद भी विभाग के अधिकारी इन माफियाओं से डरे हुए है,जनपद में कई जगह विभाग द्वारा ध्वस्ती करण किया गया है लेकिन कस्बा बुढ़ाना में आज तक कोई धवस्ती करण नहीं किया गया है। सब फाइलें दबा कर रखी हैं।इस चका चौंद में तहसील अधिकारी भी 132 की लैंड पर माननीय उच्च न्यायालय के धवस्ती करण के और कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर उचित कानूनी कार्यवाही करने के आदेशों को भी सालों से दबाए बैठे हैं। नगर पंचायत बुढाना के अधिकारी जिलाधिकारी को 132 की लैंड में अवैध कब्जे हटाने को लेकर पहले भी गुमराह कर चुके है, जिसमें रिट कर्ताओं को मजबूरन दोबारा उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा। अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री के आदेशों की भी कोई चिंता नहीं है, जहां पर कस्बे वासियों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे के साथ उप जिलाधिकारी अन्य अधिकारियों को कई वर्षों से शिकायत करने के बावजूद भी आज तक कोई अवैध निर्माण नहीं रोका गया।जबकि कस्बे में 20 बीघा 30 बीघा तक की सरकारी जमीन के बड़े-बड़े खसरा नंबर हैं जिनकी शिकायत करने के बाद भी अवैध निर्माण को एक-दो दिन रोककर शिकायतकर्ता को डरा धमका कर अवैध निर्माण पूर्ण कर लिया जाता है जिसमें कस्बे के अधिकारीगण भी शिकायतकर्ताओ पर नाजायज दबाव बनाते हैं। अधिकारियों को शिकायत करने पर अधिकारी तहसील अधिकारियों को या नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी को अवैध कब्जे को हटाने के आदेश देते हैं, लेकिन यह अधिकारी आज तक भी सैकड़ों बीघा जमीन जिसमें नाले,पजावे,रास्ते,तालाब,बंजर आदि पर से एक भी अवैध कब्जा नहीं हटा सके। इन अधिकारियों के लिए आदेश देने वाले अधिकारियों का आदेश कोई मायने नही है, अपनी मनमर्जी से काम करते हैं, स्थानीय अधिकारियों के लिए सरकारी संपत्ति की कोई अहमियत नहीं है और ना ही कानून का कोई सम्मान है।अगर कस्बे में अवैध कब्जों में दबी संपत्ति की कीमत आकलन किया जाए तो अरबों रुपए की कीमत है। सरकार द्वारा पीपी एक्ट का कानून सरकारी संपत्ति पर से अवैध कब्जे जल्द हटाने के लिए बनाया गया था लेकिन नगर पंचायत को उसमें भी कानून का पालन कराने में कई वर्षों का समय लग रहा है लिखने को बुढ़ाना की सरकारी संपत्ति पर पूरी किताब लिखी जा सकती है लेकिन अधिकारियों तक सच्चाई पहुंचाने के लिए इतना ही काफी है। जब इस सम्बंध में एसडीएम अजय कुमार अम्बिष्ट से जानकारी ली गई तो उन्होंने नगर पंचायत ईओ को सख्ती से आदेश करते हुए स्पष्ट रूप से कहा की तुरंत अवैध कब्जे खाली कराए जाएं ओर जो भूमाफिया हैं उसका नाम एंटीभूमाफिया में लिखकर कार्यवाही की जाए।अब देखना हैं कि कब तक उक्त भूमाफियाओं के कब्जे से सरकारी कर्मचारी अवैध सम्पत्ति को अपने कब्जे में लेकर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करते है।

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button