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दलित किशोर की हत्या में युवक को उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई

True story
मुज़फ्फरनगर। दलित किशोर की हत्या करके शव को गंग नहर में फेंक देने के मामले में अदालत ने कातिल को उम्र कैद की सजा सुनाई है।इस मामले में मुख्य कातिल को उम्रकैद के साथ अर्थदंड भी भोगना होगा। इस मामले में एसएसपी के सेल ने भी सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
ट्रू स्टोरी
प्रकरण जनपद के मंसूरपुर थाना क्षेत्र का है,जहां वर्ष 2017 में किशोर अरुण लापता हो गया था। वादी सतीश ने पुलिस को बताया था कि उसके पुत्र को उनको पड़ोस में रहने वाला काजू उर्फ राजकुमार पुत्र चरण वीर सिंह व किशन पुत्र विजेंद्र अपनी मोटरसाइकिल नंबर यूपी 15 ए आर 8882 पर बैठाकर घर से ले गया था। जिनकी काफी तलाश की गई। कोई जानकारी नहीं मिली है। मंसूरपुर थाने पर सतीश ने काजू व किशन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना में प्रकाश में आया कि 12 अप्रैल 2017 को इन लोगों ने अरुण की हत्या करके लाश को गंगनहर में फेंक दिया था। इस हत्याकांड में कपिल व मोनू का साथ होना बताया गया।अरुण की लाश मेरठ के सरधना इलाके से पुलिस ने हत्या के 3 दिन बाद बरामद की। उस समय हत्या की वजह बताई गई थी कि अरुण के पास कपिल की बहन आंचल का आना जाना था। इस बात से किशन व कपिल नाराज थे।जिसे चलते इन लोगों ने अपने दोस्त राजकुमार काजू व मोनू के साथ मिलकर अरुण की हत्या करके शव को नहर में फेंक दिया था। विशेष न्यायाधीश जमशेद अली के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक यशपाल सिंह व वादी की निजी अधिवक्ता समा खान ने पैरवी की। इस घटना से जुड़े 11 साक्ष्य पेश किए गए। एक आरोपी किशन को नाबालिग माना गया। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को सही मानते हुए काजू उर्फ राजकुमार को हत्या का दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा से दंडित किया गया। इसके साथ ही उस पर विभिन्न धाराओं में ₹40000 जुर्माना भी लगाया गया। इस मामले में दूसरे आरोपी कपिल मोनू को दोषमुक्त किया गया।यह जानकारी लोक अभियोजक यशपाल सिंह, सहदेव सिंह व वादी की अधिवक्ता असमा परवीन खान की ओर से दी गई है। जिन्होंने बताया कि मौके पर 11 साक्षी अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए थे।जिन्होंने घटना का समर्थन किया। जिसको लेकर न्यायधीश जमशेद अली ने कातिल को कड़ी सजा सुनाई।

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