30 दिसम्बर के गौरवशाली इतिहास को आत्मसात करने की जरूरत: डा. थापलियाल

30 दिसम्बर के गौरवशाली इतिहास को आत्मसात करने की जरूरत: डा. थापलियाल
-सुभारती विश्वविद्यालय में मनाया गया आईएनए दिवस, देशभक्ति से परिपूर्ण भावना के साथ हुआ आगाज
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में गुरुवार यानि 30 दिसम्बर की सुबह का आगाज देशभक्ति से परिपूर्ण भावना के साथ हुआ। अखंड भारत की पावन धरती पोर्ट ब्लेयर, अंडमान-निकोबार पर अब से 78 वर्ष पूर्व नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के द्वारा भारतीय ध्वज फहराएं जाने के ऐतिहासिक दिन को सुभारती विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास के साथ मनाया।
इस अवसर पर सुभारती इंजीनियरिंग कॉलिज के विशाल प्रांगण में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में स्थापित नेताजी सुभाष चन्दबोस शोधपीठ द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 70 यूपी एनसीसी बटालियन द्वारा समारोह के मुख्य अतिथि सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डा. जीके थापलियाल को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इसके पश्चात कुलपति डा. जीके थापलियाल ने समारोह की विशिष्ट अतिथि सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज के साथ मिलकर आजाद हिन्द का ध्वजारोहण किया। इस दौरान सामूहिक आजाद हिन्द गान हुआ। मंच का संचालन पत्रकारिता विभाग के डीन डा. नीरज कर्ण सिंह ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन इंजीनियरिंग से डा. श्रवण गर्ग ने किया। फिजियोथैरिपी कॉलिज के छात्र मंदीप, बीएससी के छात्र दिव्यांशु धीमान, फिजिक्स आॅनर्स की छात्रा चित्रांगी भारद्वाज ने 30 दिसम्बर के इतिहास पर विस्तृत व्याख्यान दिया। पत्रकारिता विभाग की छात्रा कनक त्रिपाठी ने कविता सुनाई। ललित कला संकाय के विद्यार्थियों ने वंदेमातरम गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कुलसचिव डीके सक्सैना, प्रतिकुलपति डा.अभय शंकरगौडा, डेंटल कॉलिज के प्राचार्य डा. निखिल श्रीवास्तव, डा. मुकेश रूहेला, डा. वैभव गोयल भारतीय, डा. पिंटू मिश्रा, डा. भावना ग्रोवर, डा. गीता प्रबन्दा, डा. जासमीन, डा. महावीर सिंह, डा. शिवमोहन वर्मा, डा. अनोज राज, डा. सोकिन्द्र कुमार, डा. अतुल प्रताप, प्रशासनिक अधिकारी हर्षवर्धन कौशिक, नरेश कुमार, आदि सहित आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थिति रहें।
30 दिसम्बर के बारे में नहीं जानते युवा: डा. अतुल कृष्ण
सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण ने देशवासियों के नाम जारी विशेष संदेश में कहा कि आज के युवा 30 दिसम्बर के दिवस के सम्बन्ध में कुछ नहीं जानते। यह उनका दोष नहीं है। ये उन्हें कभी बताया ही नहीं गया और न ही कभी उन्होंने किसी पाठ्य पुस्तक में पढ़ा, न घर में चर्चा हुई और न ही किसी नेता ने अपने उद्बोधन में कहा। ये हमारे माता-पिता-शिक्षकों-नेताओं का भी दोष नहीं है, क्योंकि कमोबेश वे भी इसी परिस्थिति से निकले। हमें तो सदैव ही यह बताया गया कि भारत को स्वतन्त्रता अहिंसात्मक आंदोलन के फलस्वरूप प्राप्त हुई परन्तु सच्चाई इससे विपरीत है।
भारत की धरती पर फहराया था ध्वज: डा. शल्या राज
सुभारती विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शल्या राज ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा नेताजी सुभाष चन्द्रबोस ने अंग्रेज सैनिकों से लोहा लेते हुए भारत की पावन धरती पर प्रथम बार अपना ध्वज फहराकर अखण्ड भारत की घोषण की थी। इस दिन को इतिहास में सही जगह नही मिलने पर देश के लिये अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों को भूला दिया गया।