अपना मुज़फ्फरनगर

गांधीवादी पुलिस, इंसान ही नहीं बेजुबानों की जान की भी कीमत भी समझती है!

मुज़फ्फरनगर जनपद की पुलिस ने साबित कर दिया है, कि हमारा देश अहिंसा का देश है, संस्कारों का देश है, ऋषि मुनियों का देश है, इसका जीती जागती उदाहरण जब देखने को मिला जब पुलिस की एक बड़ी टीम ने 4 घंटे की कड़ी मशक्कत कर एक छोटे पिल्ले को पाइप से निकाल कर जान बचाई, यही हम हिंदुस्तानियों के संस्कार हैं ,और यही हमारी नीति है, हमारे प्रधानमंत्री जी विश्व को कह चुके हैं, कि भारत बुद्ध का देश है, युद्ध का नहीं ,युद्ध व अहिंसा का हम कड़ा विरोध करते हैं, जब एक भारतीय पुलिस का इतना बड़ा दिल हो सकता है, उसके हृदय में, जीवो के प्रति भी करुणा, दया व परोपकार हो सकती है, कि एक बेजुबान पिल्ले को निकालने के लिए भी कड़ी मशक्कत करें तो समझो यहां के आम नागरिकों का दिल कितना विशाल व करुणानिधि होगा,
यह भी विचारणीय बात है कि जब एक पिल्ले के लिए पुलिस इतना कठिन परिश्रम कर सकती है, तो यहां के नागरिकों को किसी संकट से निकालने के लिए कितनी ताकत झोंक सकती है, और इसका जीता जागता उदाहरण हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है, जिन्होंने अपने नागरिकों को निकालने के लिए रूसी व यूक्रेन सेनाओं का 8 घंटे युद्ध विराम करा दिया, 4-4 मंत्री भारतीय छात्रों को निकालने के लिए विदेश दौड़ पड़े, दो राष्ट्रों के पल्यकारी युद्ध में एक -एक भारतीय नागरिकों की जान की कीमत आज भारत लगा रहा है, मोदी जी निरंतर क्रियान्वयन हैं, कि इस विनाशकारी युद्ध में वहां फसे भारतीयों को कुछ भी हो जाए परंतु किसी भी भारतीयों नागरिक व छात्र को आंच नहीं आनी चाहिए, आज हमें भारतीय होने पर, हमारे प्रधानमंत्री जी, पुलिस- प्रशासन व सेना पर गर्व महसूस होता है,
आज विश्व को मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा किए गए इस साहसी व प्रेरणादायक कार्य से सीख लेनी चाहिए, और युद्धो का परित्याग कर, अहिंसा का मार्ग त्याग कर गांधीजी के आदर्शवादी सिद्धांतों को अपनाना चाहिए।

अवतोष शर्मा
स्वतंत्र पत्रकार

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