चारे की उपलब्धता नही हुई तो गौवंश को BDO दफ़्तर में घुसाया

गौशाला में चारा न मिलने पर सैंकड़ों गोवंश को खण्ड विकास कार्यालय में घुसा दिया गया है। गौशाला के सेवक ने गौशाला के प्रबन्धन व प्रशासनिक अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाते हुवे सरकार के दावों की पोल खोल दी है ।
(काज़ी अमजद अली)
प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गौशालाओं की स्थापना कराकर निराश्रित व बेसहारा गोवंश को संरक्षण प्रदान किये जाने का प्रावधान है।सरकारी गौशाला के अलावा सार्वजनिक गौशालाओं में भी सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के लिए चारे व चिकित्सा की व्यवस्था किये जाने की व्यवस्था के दावे किये जाते हैं ।किंतु गोवंश की सेवा व संरक्षण के नाम पर बड़ी रकम का बंदरबांट किया जा रहा है गोवंश के चारे के नाम पर एक बड़ी रकम को हड़पने का मामला प्रकाश में आया है।भूखी गाय की दुर्दशा से खिन्न होकर गुस्साए गो सेवक ने सेंकडो गाय के झुंड को रविवार को मोरना स्थित बी डी ओ कार्यालय परिसर में घुसा कर शासन प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल दी है गौ सेवक ने ग्रामीणों से गौ सेवा करने की गुहार लगाते हुए उपजिलाधिकारी पर भी गंभीर आरोप जड़ दिए हैं।
मुज़फ्फरनगर ज़िले के मोरना स्थित खंड विकास कार्यालय परिसर में जो मन्ज़र पेश आया वह शासन-प्रशासन की कथनी करने के अंधेरों से परदे उठा रहा था जहाँ बेबस बेसहारा सैकड़ों गाय का झुण्ड इधर उधर भटक रहा था ।भूखी प्यासी गाय घांस के तिनको को ज़मीन पर तलाश कर रही थी।
दरअसल मामला शुक्रताल के निकटवर्ती फिरोजपुर गाँव जुड़ा है जहाँ स्थित सतगुरु महर्षि शाही परमहंस जी महाराज गौशाला में कार्यरत गौ सेवक हरलाल ने बताया कि गौशाला में 200 के लगभग गाय हैं चारा न मिलने पर उन्हें चराने के लिए जंगल में ले जाना पड़ता है जहां किसान अपने खेतों में गाय घुसने नहीं देते तथा बड़े झुण्ड को को देखकर लाठी डंडों से मारपीट कर उन्हें भगा देते हैं ऐसे में भूखी गाय तड़प कर मर जाती है इससे तो बेहतर उन्हें मुक्त कर दिया जाए ।
इसी सम्बंध में फिरोजपुर गांव के पूर्व प्रधान नेमपाल सिंह ने बताया कि पिछले एक वर्ष से गौशाला प्रबन्धन को गोवंश के चारे का पैसा नहीं मिला चारे की व्यवस्था न होने के कारण गाय को जंगल में चरने के लिए ले जाया जाता है पैसे की व्यवस्था हो जाने पर गौशालाओं में ही गाय रहेगी उप जिलाधिकारी जानसठ ने प्रबंधन को दो दिन में पैसा देने का आश्वासन दिया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार एक गाय के चारे के लिए प्रतिदिन ₹30 की रकम प्रशासन द्वारा देने का प्रावधान है 200 गाय के चारे के लिए प्रतिदिन ₹6000 तथा महीने में ₹180000 तो वर्ष में ₹2160000 की व्यवस्था होनी है आरोप है कि गोवंश के चारे के नाम पर बड़ा खेल किया जाता है।
खण्ड विकास अधिकारी मोरना राम आशीष ने बताया कि यह प्राइवेट गौशाला है वेरिफिकेशन ब्लॉक कार्यालय से होता है पशु चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर उनके द्वारा वेरिफिकेशन किया गया है ब्लॉक से गौशाला के लिए भुगतान नहीं किया जाता है।