अपना मुज़फ्फरनगर
झोलाछाप चिकित्सक के क्लीनिक पर एक व्यक्ति की मौत

-ग्रामीणों के हंगामा के बाद डाक्टर क्लिनिक छोडकर हुआ फरार
मुजफ्फरनगर। जानसठ कस्बे में एक डाक्टर के क्लिनिक पर एक मरीज की इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। जिसकी सूचना पर पहले तो ग्रामीणों ने हंगामा किया लेकिन बाद में बिना किसी कार्रवाई की शव को घर ले गए। जानसठ कस्बे के गढी तिराहे पर एक डाक्टर लगभग दो दशक से इलाज करता है। शुक्रवार की दोपहर गांव जटवाडा निवासी कासिम पुत्र रफीक सर दर्द होने के कारण दवाई लेने अपने पुत्र राशिद के साथ आया था। तो डाक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही कासिम की हालत खराब हो गई और उसकी क्लिनिक पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही जटवाडा गांव से सैकड़ों लोग डाक्टर के क्लिनिक के बाहर एकत्र हो गए और हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना मिलने पर जानसठ कस्बा चैकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह व एसएसआई बीरबल सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत किया। बाद में ग्रामीणों को कस्बे के गणमान्य लोगों के समझाने पर वह बिना किसी कार्रवाई के शव को अपने घर ले गए। मृतक की उम्र करीब 45 साल थी और उसके चार लडके व एक लडकी है। उसके पुत्र ने बताया कि वह एक कोल्हु पर मजदूरी करते थे। मामला कस्बे में चर्चा का विषय बना हुआ है। कस्बे में झोला छाप डाक्टरों की भरमार है कस्बे में झोला छाप डाक्टरों की भरमार के चलते कई लोग अपनी जान गंवा चुके है। कुछ दिन पहले भी एक अवैध नर्सिंग होम में एक महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर से आंखे बंद किए हुए है। सूत्रों की माने तो कस्बे में करीब एक दर्जन से अधिक अवैध नर्सिंग होम संचालित है जिनको झोला छाप डाक्टर संचालित कर रहे है। जबकि एक सूचना के अनुसार कस्बे में चल रहे एक दो को छोडकर भी अवैध रूप से संचालित किए जा रहे है। जिससे हर माह एक मोटी रकम स्वास्थ्य विभाग को जा रही है। जिसके चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। सीएमओ डॉक्टर एम एस फौजदार से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही अवैध नर्सिंग होम व झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।