गैंगरेप मामले में NHRC ने किया केस दर्ज, पुलिस पर विवेचना में लापरवाही का इलज़ाम

गैंगरेप मामले में पुलिस बेपरवाह, एसएसपी तलब
-कांग्रेस नेत्री को न्याय दिलाने को समाजसेवी आगे आई
-समाजसेवी ने मानवाधिकार और महिला आयोग में केस दर्ज कराया
मुजफ्फरनगर में लव, सियासत और धोखा की कहानी के रूप में चर्चाओं में बने डा. यासमीन गैंगरेप केस के मामले में पुलिस द्वारा उनके पति सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं जाने पर अब पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए समाजसेवी अनुराधा यादव ने कदम आगे बढ़ाया। अनुराधा पीड़ित के मामलों को मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग तक लेकर गई। इस मामले में एसएसपी को पुलिस कार्यवाही शिथिल रहने पर तलब किया गया है तो वहीं पीड़िता को भी बयान दर्ज करने के लिए लखनऊ बुलाया गया है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि है कि पुलिस मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। पुलिस पर न्याय का भरोसा नहीं रहा है। महिला अपराधों के खिलाफ पीड़ितों के लिए एक सशक्त माध्यम बनकर आवाज उठा रही समासेवी अनुराधा यादव ने डा. यासमीन राव के केस को भी प्रमुख मंचों पर उठाया है।
अनुराधा यादव ने बताया कि चरथावल विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी व दो बार जिला पंचायत सदस्य की पूर्व प्रत्याशी रही महिला चिकित्सक डा. यासमीन के गैंगरेप मामले में जनपद पुलिस अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। महिला चिकित्सक और शिक्षित होने के बावजूद भी डा. यासमीन को अब तक थानों और पुलिस अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन उनकी याचना पर भी पुलिस द्वारा न्याय हित में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। अनुराधा यादव ने बताया कि जनपद पुलिस के रवैये ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक दबाव के कारण और अन्य कारणों को दर्शाकर पुलिस इस मुकदमे को बन्द करने की तैयारी में है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जायेगा। अब इस मामले को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और उत्तर प्रदेश महिला आयोग गंभीरता के साथ सुनना चाहता है। पीड़ित महिला ने मुकदमे में पुलिस द्वारा कोई भी गंभीर कार्यवाही नहीं करने एवं उनको मांग के बावजूद भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने पर अनुराधा यादव के माध्यम से राष्ट्रीय एवं राज्य महिला के साथ ही राष्ट्रीय एवं राजय मानवाधिकार आयोग को पूरे प्रकरण से अवगत कराया और निष्पक्ष कार्यवाही की मांग किये जाने के साथ ही सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने की मांग भी रखी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरनगर को निर्देश करते हुए चार सप्ताह के अन्दर उक्त प्रकरण में जांच आख्या भेजने के निर्देश दिये हैं और अगली सुनवाई की तारीख भी सुनिश्चित कर दी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी डा. यासमीन की प्रार्थना पत्र गैंगरेप मामले में 9830/24/ 57/2023- डब्ल्यूसी केस रजिस्टर्ड कर लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पीड़िता की शिकायत पर केस रजिस्टर्ड कर लिया है। महिला आयोग ने इस मामले में एसएसपी को तलब किया है तो वहीं पीड़िता को नौ मई 2022 को बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ बुलाया गया है। महिला आयोग ने एसएसपी को समन जारी करते हुए मामले की सारी रिपोर्ट तलब की है। अनुराधा यादव ने इस लड़ाई में पीड़िता को न्याय के साथ ही सुरक्षा दिलाने का पूरा भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता को सुरक्षा दिलाने की मांग जायज है और पुलिस को इसके लिए पहले ही दिन से काम करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि आज वह दिल्ली में हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से मुलाकात कर इस प्रकरण को उनके सामने भी उठायेंगी ताकि पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने नौ मई को उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी से मुलाकात करने की भी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं पीड़िता के साथ लखनऊ जाकर महिला आयोग में बयान दर्ज करायेंगी।