रमजान का तीसरा जुमा: खुदा की बारगाह में अमन की हुई दुआएं
मस्जिद के इमामों ने मुकद्दस रमजान की फजीलत बयान कर मुल्क में अमन-चैन की दुआ की

–दिल्ली हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा, मस्जिदों के बाहर पुलिस का सख्त पहरा रहा
मुजफ्फरनगर। वर्तमान में जारी संवेदनशील परिस्थितियों के मद्देनजर पवित्र रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज चिलचिलाती धूप के बावजूद मस्जिदों की छतों तक पर लोगों ने नमाज अदा की। इस दौरान मस्जिद के इमामों ने रमजान के तीसरे अशर-ए-मगफिरत और मुकद्दस रमजान की फजीलत बयान कर मुल्क में अमन-चैन की दुआ की। रमजान माह में जुमे की नमाज की अहमियत खास होती है। जिसको लेकर रमजान के जुमे पर सभी मस्जिदों में नमाज को लेकर भारी भीड़ रही है। तीसरे जुमे पर भी मस्जिद नमाजियों से खचाखच भरी हुई थी। क्षेत्र के मस्जिदों में रमजान के तीसरे जुमे पर अकीदतमंदों ने अकीदत व एहतराम के साथ नमाज अदा की। इस दौरान दिल्ली हिंसा के बाद पुलिस प्रसासन अलर्ट रहा मस्जिदों के बाहर पुलिस का सख्त पहरा रहा। शहर की फक्कर शाह वाली मस्जिद, होज वाली मस्जिद, तकिए वाली मस्जिद समेत सहित दर्जनों मस्जिदों म व ग्रामीण क्षेत्र के मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अदा की गई। इस मौके पर फक्कर शाह वाली मस्जिद के इमाम मौलाना खालिद जाहिद ने रमजान के तीसरे असरे जहन्नुम से आजादी पर तकरीर करते हुए कहा कि तीसरा असरा बहुत खास असरा होता है। पहला असरा रहमत और बरकत होता है। जबकि, दूसरा असरा मगफिरत का, वहीं तीसरा असरा जहन्नुम से आजादी का होता है। तीसरे असरे में एक रात ऐसी होती है जो हजारों रात से बेहतर होती है। उसे शबे कद्र की रात कहते है। मुस्लिम मजहब में इस रात को हजारों रात से बेहतर माना जाता है। इस रात की इबादत को हजारों रात की इबादत से बेहतर माना जाता है। इस दौरान सभी मस्जिदों के आस पास पुलिस प्रशासन का भी सख्त पहरा रहा। मौलाना खालिद जाहिद ने नमाज से पहले लोगों से खिताब में फरमाया कि ईद-उल-फित्र से पहले सदका फित्र अदा करना हर सहिबे-ए-निसाब पर वाजिब है। यदि यह गेहूं या उसके आटे या सत्तू के जरिए अदा किया जाए तो भी परिवार के प्रति व्यक्ति के हिसाब से 2 किलो 45 ग्राम निकालना होगा और यदि खजूर या मुनक्के या जौ या उसके आटे या सत्तू से अदा करना चाहे तो 4 किलो 90 ग्राम निकालना होगा। इसकी कीमत इस साल 55 रुपये मुकर्रर की गई है। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। इसलिए इस बरकतों व रहमतों वाले महीने में खूब इबादत करो और अपनी मगफिरत की दुआ करो। रमजान का महीना सब्र का महीना है। रोजे की भूख गरीब की भूख से परिचय कराती है। रमजान में गरीब के इसी दर्द को महसूस करने का अल्लाह मौका देता है। यह पूरा महीना खुद पर काबू रखने का महीना होता है। अंत में मुल्क में अमन-चैन के लिए दुआ की गई। नमाज के बाद लोग रोजे की खरीदारी के लिए बाजार में निकले। रमजान का जुमा होने के चलते पूरे दिन बाजार में काफी चहल-पहल दिखाई दी। इसके अलावा भोपा व ककरौली पुलिस शांति व सुरक्षा को लेकर मस्जिदों के बाहर तैनात रही। मोरना, भोपा, ककरौली, जौली, तेवडा, सीकरी, टंढेडा, भोकरहेडी, किशनपुर आदि स्थानों पर रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गयी। राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में घटी घटना के बाद जारी संवेदनशीलता को लेकर प्रशासन द्वारा जुमे की नमाज पर विशेष ध्यान दिया गया। वहीं रमजान में नमाजियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। तीसरे जुमे की नमाज में भी नमाजियों ने धार्मिक उत्साह के साथ जुमे की नमाज अदा की। इस दौरान तमाम मस्जिदों में जगह न बची तो नमाजियों ने मस्जिदों की छत पर नमाज अदा की। नमाज के पूर्व धर्मगुरूओं ने रमजान माह की पवित्रता व इस्लाम के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए आखिरी नबी मुहम्मद साहब की दी हुई शिक्षाओं पर अमल करने पर बल दिया। वहीं मोरना में जामा मस्जिद में जुमे की नमाज शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गई। थाना भोपा प्रभारी निरीक्षक पंकज राय सहित पुलिस चैकी मोरना प्रभारी गणेश शर्मा, है.कां. हाशिम रजा, कां. नितिन शर्मा, इकराम आदि पुलिस बल के साथ मस्जिदों के बाहर मौजूद रहे। वहीं मुख्य मस्जिदों के बाहर भोपा व ककरौली पुलिस तैनात रही।