मस्जिद कैम्पस के भीतर नमाजी की हत्या में दो भाईयों सहित पांच को उम्रकैद

गांव गोयला में 2015 में हुआ था कत्ल, कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर लगाया 33500 रुपये जुर्माना
मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने नमाजी की हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए दो सगे भाईयों सहित पांच आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 33500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एडीजीसी अरुण कुमार शर्मा व सत्येन्द्र कुमार पुंडीर ने बताया कि थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव गोयला के हासुद्दीन पुत्र दीन मौहम्मद की सात वर्ष पहले हत्या कर दी गई थी। बताया कि गांव के अशरफ से दीन मोहम्मद की कहासुनी हो गयी थी। उसके तीन दिन बाद पांच जून 2015 को सुबह करीब 5.30 बजे जब हासुद्दीन नमाज पढकर निकल रहा था तभी मस्जिद के अहाते में अशरफ व असगर पुत्रगण मजीद, खालिद पुत्र असगर तथा सादिक पुत्र अशरफ व शाकिर पुत्र नसीबुदीन निवासीगण गोयला ने उसे पकडकर छुरी घोपकर उसकी हत्या कर दी थी। एडीजीसी अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या का मुकदमा थाना शाहपुर पर मृतक के पुत्र इस्तखार ने दर्ज कराया था। बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई एडीजे-5 बाबूराम ने की। उन्होंने बताया कि अभियोजन ने इस मामले में घटना साबित करने के लिए आठ गवाह कोर्ट में पेश किये। उन्होंने बताया कि मुकदमे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अभियुक्तों शाकिर उर्फ तिल्ली उर्फ डॉन पुत्र नसीबुद्दीन, अशरफ व असगर पुत्रगण मजीद तथा उसका पुत्र खालिद व सादिक पुत्र अशरफ निवासी गोयला को हत्या तथा अन्य कई आरोपों में दोषी माना। बताया कि कोर्ट ने सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रत्येक पर 33500 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कैदी की मौत, छः दिन पहले आया था जेल
मुजफ्फरनगर की जिला कारागार में विचारधीन कैदी आकाश बाल्मीकि की मौत हो जाने के कारण हड़कम्प मच गया। इस कैदी को 26 मई को गिरफ्तार कर शामली पुलिस ने जिला कारागार भेजा था। शामली कोतवाली के पंसारियान बस्ती में घर में घुस कर अपने साथियों के साथ हमला करने और महिलाओं से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार आकाश उर्फ छोटा बाल्मीकि को गत 26 मई को जिला कारागार भेजा गया था। बीती रात उसी हालत बिगड़ने पर उपचार के लिए उसको जिला चिकित्सालय और वहां से रैफर होने पर मेरठ मेडिकल भेजा गया। जहां आज उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई है। जेल सूत्रों के अनुसार उसकी बीपी डाउन हो गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।