‘लम्पी’ के पंजे तले कराह रहा है गोवंश, सैंकड़ो की जा चुकी जान
फरिश्ता बनकर उतरे पशु चिकित्सक, संसाधनों की कमी आड़े आई

सरकारी रिकॉर्ड में 403 गावो के 5290 गोवंश के सिर पर नाच रहा मौत का साया
मुजफ्फरनगर। जिस तरह इंसानों में कोरोना ने त्राहिमाम किया ठीक इसी तर्ज पर अब गोवंश पर ‘लंपी’ बीमारी मौत बनकर नाच रही है। यह संक्रामक विषाणु जनित बीमारी है जिसके चपेट में पशु के आने के बाद पशु पालक की मुश्किलें बढ़ जाती है। 40 प्रतिशत पशु जान से हाथ धो रहे है। अकेले मुजफ्फरनगर जनपद के आंकड़ों पर निगाह दौड़ाई जाए तो यहां 403 गावो में यह बीमारी फैल चुकी है। जहां के हज़ारों पशु बीमारी से ग्रसित हो गए है। 35 डॉक्टरों की टीम इलाज में नाकाफी साबित हो रही है। जिसके चलते हर रोज दर्जनों गोवंश की मौत हो रही है।
दरअसल एक माह पूर्व पशुओं में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दिए तो तत्काल ही पशुपालन विभाग ने एडवाइज़री जारी करके पशु पालकों को इस बीमारी से बचाव व उपचार के लिए सचेत किया। मगर तब तक देर हो चुकी थी। कलक्टर चंद्रभूषण सिंह ने मामले की नज़ाकत को देखते हुए कंट्रोल रूम को इसके लिए अलर्ट किया। पशु चिकित्सक उपचार को लगाए गए। कंट्रोल रूम में हर रोज़ कई दर्जन कॉल्स आती है। पशु पालक उपचार की मांग करते है। तत्काल शिकायत दर्ज कर इन्हें सहायता दी जा रही है। इतना सब कुछ होने के बाद भी यहाँ पशुओं के बीमार होने की तादात बढ़ती जा रही है।
ब्लॉक वार प्रभावित गाँव
बुढ़ाना 54
जानसठ 65
शाहपुर 25
खतौली 72
बघरा 24
मोरना 63
पुरकाजी 32
सदर 28
चरथावल 40
कुल प्रभावित गाँव 403
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जनपद की 8 गौशाला भी लपेटे में
मुजफ्फरनगर में कुल 45 गो आश्रयस्थल व गौशाला है। जहां गोवंश को रखा जाता है। जिनमे 8 गौशाला भी लपेटे में आ गई है। हालांकि ग्रसित पशुओं को अलग रखा जा रहा है। ताकि इन्हें बचाया जा सके।
जिले में अब तक 2790 पशु उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है। 2447 गोवंश का उपचार डॉक्टर्स की टीम कर रही है। जल्दी ही बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी लगातार मोनिटरिंग कर रहे है। वेक्सिनेशन का काम जारी है। लगभग 90000 गोवंश को बचाव हेतु वैक्सीन लग चुकी है।
डॉ. दिनेश कुमार
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी
मुजफ्फरनगर
उपचार व बचाव में जुटी है चिकित्सा टीम
मुजफ्फरनगर जिले में 35 डॉक्टरों की टीम दिन रात गोवंश के उपचार में जुटी है। पशुधन प्रसार अधिकारी डॉ. अरविंद मलिक सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक कलक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर हैल्प लाइन नम्बर के माध्यम से पशु पालकों को उपचार बताते नज़र आते है। तत्काल सहायता की जरूरत होने पर संबंधित डॉक्टर को मौके पर भेजा जाता है। ड्यूटी पूरी होने के बाद वे अपने सर्किल में टीकाकरण के लिए निकल पड़ते है। हर रोज़ गऊशालाओ में पहुंचकर उपचार व बचाव की जानकारी दी जा रही है।।
पशु बीमार है तो मिलाए हैल्प लाइन नम्बर
9412210080