जानलेवा हमले के मामले में पीड़ित पक्ष को धमका रहा आरोपी पक्ष

2 माह में भी फरार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस, वादी मुकदमा ने पुलिस कप्तान से की शिकायत
मुजफ्फरनगर में जानलेवा हमले के मामले में दो माह बीतने के बाद भी पुलिस फरार सात आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही, जबकि कुछ घायल अस्पताल में भर्ती है। इनमें कुछ घायलों की हालत खराब है। एक युवक की आंख की रोशनी भी चली गई है। पीड़ित परिवार ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल से मुलाकात करके बताया कि विवेचक ने दो माह बीतने के बाद भी घायलों के बयान तक दर्ज नहीं किये हैं, जिसका लाभ जेल में बंद कुछ आरोपियों को मिलने की उम्मीद है, और उनकी जमानत हो सकती है। वही आरोप है कि हमलावर पक्ष लगातार पीड़ित परिवार पर फैसले का दबाव बना रहा है।
थाना नई मंडी क्षेत्र के गांव मुस्तफाबाद निवासी नवाब पुत्र जमील अहमद ने मंगलवार को एसएसपी विनीत जायसवाल को दिये शिकायती पत्र में बताया कि 17 अक्टूबर को कुछ लोगों ने उनके परिवार पर हमला करके कई लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। परिवार के युवक सद्दाम का ईलाज ऋषिकेश स्थित आल इंडिया मेडिकल इंस्टीटयूट में चल रहा है। उसकी आंख में गोली लगी थी, जिसकी वजह से उसकी आंख की रोशनी भी चली गई है। इसके अलावा नौशाद व रिजवान गंभीर रूप से घायल है, जो कि विभिन्न जनपदों में हायर सेंटरों पर रेफर किये गये थे। दो माह बाद भी इनकी हालत स्थिर बनी हुई है। इस प्रकरण में मोहम्मद अली, शहराज, नवेद व युसुफ की जमानत जिला जज कोर्ट से निरस्त हो चुकी है, जबकि एक अन्य आरोपी नाजिम की जमानत को 12 दिसम्बर तय की गई है। उन्हें पता चला है कि केस डायरी में घायलों के कोई बयान दर्ज नहीं है, जिसका लाभ आरोपियों को मिल रहा है। पीड़ित का कहना था कि वें लगातार थाने पर चक्कर काट रहे हैं, लेकिन फरार आरोपियों की न तो गिरफ्तारी हो रही है और न ही विवेचक की ओर से पीड़ितों के बयान लेकर मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जा रही है। इनका कहना था कि मेडिकल रिपोर्ट केस डायरी में अंकित होगी, तो आरोपियों की जमानत होने में दिक्कत आयेगी, लेकिन प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों को जमानत दिलवाने के लिए आतुर हो रही है। यही वजह है कि बार-बार कहने के बाद भी चोटिल घायलों के बयान दर्ज नहीं किये जा रहे है।
छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज होते ही कर दिया था हमला
इस पूरे मामले में नई मंडी पुलिस की भूमिका शुरु से ही संदिग्ध रही है। इस प्रकरण में शुरुआत छात्रा के साथ छेडछाड से हुई थी। आरोपी पक्ष के युवकों ने कॉलेज जा रही छात्रा के साथ छेड़छाड की थी, जिसका मुकदमा बालिका पक्ष ने नई मंडी थाने पर दर्ज कराया था। रात्रि में मुकदमा दर्ज और सुबह के समय आरोपी पक्ष असलाह लेकर पीड़ित परिवार के घर पहुंच गया और सीधे फायरिंग शुरु कर दी थी, जिसकी चपेट में आकर सददाम, नौशाद व रिजवान सहित कई लोग गोली लगने से घायल हो गये थे। कुछ लोगों को धारदार हथियारों से वार करके जख्मी कर दिया गया था। इस मामले में भी पुलिस ने जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत से हो गया था फरार
जानलेवा हमले एवं छेडछाड के मामले में नामजद मुख्य आरोपी को घटना के कुछ घंटे बाद ही नई मंडी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के दौरान थाने के कार्यालय से बहाना बनाकर मुख्य आरोपी फरार होने में कामयाब हो गया था, जो कि दो माह बीतने के बाद भी पुलिस की पकड में नहीं आ पाया, बल्कि पुलिस पर ही आरोपी ने सवाल खडे कर दिये। हालांकि पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपी का नम्बर सर्विलांस पर लगाकर उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। जल्दी ही उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा।