नई पेंशन व्यवस्था और निजीकरण के विरोध में शिक्षक व कर्मचारी हुए एकजुट

भारी भीड़ जुटाकर सरकार को दिया संदेश, पुरानी पेंशन लागू करे, अन्यथा विरोध झेलने को रहे तैयार
मेरठ में अटेवा पेंशन बचाओ मंच के तत्वाधान में
नई पेंशन व्यवस्था और निजीकरण के विरोध में महासम्मेलन का आयोजन नलकूप खण्ड प्रांगण में आयोजित हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पुरानी पेंशन की बहाली को जनपद के कोने-कोने से शिक्षक-कर्मचारी का हुज़ूम महासम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुँच रहा था। महा सम्मेलन में तमाम विभाग के कर्मचारियों ने शिरकत की, जिसमें बेसिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, व उच्च शिक्षा के डॉ व प्रोफेसर के साथ ही अन्य विभाग सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, नलकूप विभाग, दीवानी कचहरी विभाग, राज्य कर विभाग, सफाई कर्मचारी संघ, चिकत्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,सहित तमाम सांगठनों ने शिरकत किया।सभी की जुबान पर जय युवा जय अटेवा का नारा था। पुरानी पेंशन की बहाली व निजीकरण की समाप्ति को लेकर अटेवा पर भरोसा जताते हुए भारी संख्या में पहुँचकर यह सन्देश दिया की अब यह NPS व निजीकरण को बर्दास्त नहीं करने वाला है। महासम्मेलन को NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष पेंशन पुरुष के नाम से विख्यात विजय कुमार ‘बन्धु’ ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। साथ ही उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
आज जीते 5 स्टेट कल होगा पूरा देश: बंधु
मुख्य अतिथि विजय कुमार ‘बन्धु’ ने कहा आज पुरे देश में पुरानी पेंशन की लड़ाई अपने चरम पर है।NMOPS के साथियों के संघर्ष की बदौलत ही आज पुरानी पेंशन का मुद्दा देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा बन गया है। 2013 में जब पेंशन बहाली का संघर्ष शुरू किया गया था, तब लोग इसे असम्भव बताते थे। लेकिन हम धन्यवाद देंगे अपने उन संघर्षशील साथियों का जिनकी बदौलत आज पाँच राज्यों में पुरानी पेंशन फिर से बहाल हो चुकी है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि आज जीते हैं पाँच प्रदेश कल जीतेंगे पूरा देश। निजीकरण से NPS को जोड़ते हुए उन्होंने कहा की NPS निजीकरण का बहुत छोटा स्वरुप है जो हमें इतना दर्द दे रहा है। क्योंकि NPS पेंशन का ही निजीकरण है। आज निजीकरण वृहद स्तर पर हो रहा है, सरकारी नौकरियों और सरकारी संस्थानों को समाप्त किया जा रहा है, सोंचो जब NPS हमें इतनी पीड़ा दे रहा है, तो पूर्ण निजीकरण हमें कितना दर्द देगा। वास्तविकता तो यह है की निजीकरण से देश की निम्न व मध्य वर्ग की जनता सड़कों पर भीख माँगने को मजबूर होगी। क्योंकि निम्न और मध्य वर्ग पढ़ाई-लिखाई कर मेहनत करता है की कहीं एक अच्छी सरकारी नौकरी मिले लेकिन जब सरकारी संस्थान ही नहीं होंगे तो नौकरी कहाँ से होगी? आप उस भयावह दृश्य को सोंच सकते हैं। आगे जोड़ते हुए बन्धु ने कहा हम केंद्र व राज्य सरकार से निवेदन करते है कि जल्द पुरानी पेंशन बहाल करें अन्यथा शिक्षक कर्मचारी 2023 में दिल्ली कूच करने को मजबूर होगा।
ऑल इण्डिया पटवारी एवं कानूनगो संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम मूरत यादव ने लेखपाल संघ ने कहा अटेवा ने मृत पड़े पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को जीवित किया है, अटेवा के संघर्ष के बदौलत ही पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा राष्ट्रव्यापी बना। उत्तर प्रदेश सरकार को ही नहीं बल्कि देश की विभिन्न सरकारों को नई पेंशन व्यवस्था में संशोधन करने पर मजबूर कर दिया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अटेवा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पश्चिमी जोन प्रभारी चन्द्रहास सिंह ने कहा अटेवा का उद्देश्य है पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण की समाप्ति, यह संघर्ष वर्चस्व का नहीं है बल्कि 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों की भविष्य व आर्थिक सुरक्षा का है, जिसके लिए केवल अटेवा राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में संघर्षरत है। और जब तक हम इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
अटेवा के प्रदेश संगठन मन्त्री व मंडल पर्यवेक्षक मेरठ मण्डल रजत ‘प्रहरी’ ने कहा अब प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों ने मन बना लिया है कि NPS के नासूर को और बर्दास्त नहीं करेंगे, इसे हम जल्द ही प्रदेश के बाहर उखाड़ फेंकेंगे और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करेंगे, इसके लिए हमें चाहे जिस हद तक जाना पड़े, हम जायेंगे ।
उत्तर प्रदेश डिप्लोमा फार्मशिष्ट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष रिजवान अहमद ने कहा पुरे देश के शिक्षक कर्मचारी को आदरणीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु जी पर भरोसा है इसलिए साथियों ने उनके नेतृत्व में कमर कस लिया है और पुरानी पेंशन बहाल करवाकर ही दम लेंगें।
राजकीय नर्सेज संघ की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शरली भंडारी ने कहा की अटेवा ही है जो पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहा है, हमारा राजकीय नर्सेज संघ हमेशा पुरानी पेंशन की लड़ाई में अटेवा के साथ खड़ा रहा, हम भविष्य में भी अटेवा के साथ पुरानी पेंशन की बहाली व निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में अटेवा के साथ रहेंगे।
अटेवा ही पुरानी पेंशन बहाली का विकल्प
उत्तर प्रदेश डिप्लोमा फार्मशिष्ट एसोसिशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा अटेवा ही पुरानी पेंशन बहाली का विकल्प है, जिसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों एवं कर्मचारियों को लामबंद किया है, पुरानी पेंशन बहाली के लिए हमें अटेवा के साथ संघर्ष में अपनी सहभागिता के लिए संगठनों की सीमाओं से ऊपर उठकर लड़ना होगा।
उत्तर प्रदेश पंचायती राज कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता रामेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा उत्तर प्रदेश का एक लाख सफाई कर्मचारी अटेवा के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर पुरानी पेंशन की लड़ाई में साथ खड़ा है।
राज्य कर मिनिस्ट्रीयाल स्टॉफ एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री जय प्रकाश मौर्या ने कहा की पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण की समाप्ति के लिए हमें अटेवा, NMOPS व विजय बन्धु पर ही भरोसा है, आज तमाम लोग संघर्ष को भटकाने के लिए छदम एकजुटता दिखा रहे है, उनसे सावधान रहने की जरुरत है, हमें अपने लक्ष्य से भटकना नहीं है।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा आज निजीकरण बड़ी समस्या है, सभी जगह स्थायी कर्मचारी के स्थान पर निजीकरण करने संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति करना व लगातार सरकारी संस्थानों का खात्मा किया जा रहा है, यह देश को बेचने का काम हो रहा है जिसे किसी भी क़ीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा, अटेवा मुखरता से निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। हमारा संगठन निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में अटेवा के साथ है।
हर विभाग के कर्मचारियों की मौजूदगी हुई दर्ज
जनपद मुजफ्फरनगर से अटेवा जिला अध्यक्ष प्रीत वर्धन शर्मा के नेतृत्व में प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लेखपाल संघ, नगर पालिका, वाणिज्य कर विभाग, आयकर विभाग, बिजली विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, विकास भवन, सफाई कर्मचारी, कानूनगो, कचहरी आदि सभी विभागों से शिक्षक और कर्मचारी बडी संख्या में मेरठ महा सम्मेलन में पहुंचे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में वंदना बालियान, राजश्री, अरविंद मलिक, संजीव बालियान, रविंद्र सिंह, राहुल कुमार, राहुल कुशवाहा, समीर मलिक, हरकेश सिंह, राखी चौधरी, संदीप कौशिक, सुचित्रा सैनी, विशाल गुप्ता, अंशुल मेनी, कैलाश नारायण, मोनिका शर्मा, डाॅ संजीव लांबा, रमेश चंद, डाॅ दीपक गर्ग, विशाल भारद्वाज, प्रशांत शर्मा, सुनील पवार, कपिल शर्मा, अजय गुप्ता, सुभाष चंद्र यादव, अनुराग कुमार, अबुल हसन, सार्थक शर्मा, संजय राठी, सुधीर कुमार, यशपाल अरोरा, प्रमोद बच्चस आदि का बहुत सहयोग रहा।
कार्यक्रम का कुशल व सफल संचालन कविन्द्र सिंह खारी, चन्द्रहास सिंह और आदेश कुमार ने किया।