ताज़ियती जलसे में मौलाना ताहिर को खिराजे अकीदत, जमीयत ने संगठन को दी उनकी कुर्बानियों को याद किया

मदरसा महमूदिया सरवट में हुआ शोक सभा का आयोजन,सैकड़ों की संख्या में लोग रहे मौजूद
मुजफ्फरनगर- जमीयत उलमा शहर मुजफ्फरनगर के महासचिव मौलाना ताहिर कासमी की रथेड़ी वाली मस्जिद मे सोमवार को दीवार गिरने हुई मौत पर हर तरफ दुःख का माहौल बना हुआ है। जमीयत उलमा ज़िला मुज़फ्फरनगर के तत्वाधान में मौलाना ताहिर कासमी के इंतकाल पर मदरसा महमूदिया सरवट में ताज़ियती जलसे (शोक सभा) का आयोजन किया गया। जलसे में जमीयत उलमा के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के अलावा मदरसों के उलमा व शहर की समाजी व सियासी शख़्सियात ने बड़ी तादाद मे शिरकत की।
ताज़ियती जलसे में वक्ताओ ने मौलाना ताहिर कासमी के इंतकाल पर दुःख का इजहार करते हुए कहा कि मौलाना ने अपनी जिंदगी को बड़ी सादगी के साथ गुज़ारा है, तथा मौलाना ने जमीयत उलमा-ए-हिन्द के प्लेट फॉर्म से बगैर किसी लालच के कौम की खिदमत अंजाम दी है जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
इजलास की अध्यक्षता जमीयत उलमा जिला मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष मौलाना कासिम व संचालन मौलाना मुकर्रम ने किया। मौलाना मुकर्रम कासमी ने जमीयत उलमा जिला मुजफ्फरनगर के लिए मौलाना के इंतकाल को नुकसान बताते हुए कहा की उनकी खिदमात को भुलाया नहीं जा सकेगा। कलीम त्यागी ने कहा कि मौलाना ने हमेशा मुझे बाप की तरह मोहब्बत दी। उनके जाने के बाद जो सदमा लगा है तथा उनकी यादों को भुलाना बस मे नहीं है। उन्होंने कहा की जमीयत उलमा-ए-हिन्द के लिए मौलाना रात दिन मेहनत की है।
हाजी शाहिद त्यागी ने कहा कि मौलाना एक बहादुर व्यक्ति थे वो समाज सुधार कार्यक्रमों एवं समाज की भलाई के लिए कार्य करते थे। उन्होंने कहा कि अल्लाह उनकी मग़फिरत फरमाये।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने मौलाना की मौत पर दुःख का इजहार करते हुए कहा की वो समाजिक एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए हमेशा कार्य करते रहते थे, उन्होंने कहा की सन 2013 के दंगे में मौलाना ने जिले भर में अमनो अमान को बनाने मे विशेष भूमिका निभाई।
पूर्व विधायक सोमाश प्रकाश ने कहा की जब मौलाना के इंतकाल खबर पता चली तो यकीन नहीं हुआ वो काफी मिलनसार व्यक्ति थे। ऐसे बहुत कम लोग होते है जो दूसरों की सेवा में लगे रहते है। जिला कोषाध्यक्ष इकराम कस्सार ने कहा कि मेरा रिश्ता मौलाना से बहुत गहरा रहा है वो हमेशा मिल्लत की खि़दमात मंे घूमते रहते थे। उन्होंने कहा कि उनको भुला पाना बहुत मुश्किल है।
हाजी अजीजर्रहमान ने कहा कि मैने मौलाना ताहिर की जिंदगी को बहुत ही करीब से देखा वो रथेड़ी वाली मस्जिद के इमाम थे और मस्जिद की शानदार खिदमात अंजाम दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जहां तक जमीयत की खिदमत का सवाल है उन्होंने साईकिल पर जा जाकर जमीयत के काज़ को अंजाम दिया और हमेशा जमीयत के काम को लेकर हमारे घर आते रहे। हाफिज शेरदीन ने कहा मौलाना सभी से प्यार व मोहब्बत से पेश आते थे और अच्छे अखलाक से मिलते थे। उन्होंने सभी जमीयत उलमा के पदाधिकारीयों से मौलाना के परिजनों के प्रति अपनी मोहब्बत लगाव रखने की अपील की।
हाफिज़ मौ0 फुरक़ान असअदी ने रंज व ग़म का इज़हार करते हुए भर्राए गले से मौलाना को खि़राजे अक़ीदत पेश किया। जिलाध्यक्ष मौलाना कासिम ने कहा कि उनके जाने से हम लोग अपने आप को अधूरा महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज उनके बग़ैर प्रोग्राम हो रहा है लेकिन वो नहीं है उन्होंने कहा कि उनके जाने का बड़ा दुःख है उन्होंने कहा कि पूरी जमीयत उलमा उनके परिवार के साथ है।
जमीयत उलमा के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना नजर मुहम्मद कासमी ने नम आँखों से मौलाना की कुर्बानियों को बताते हुए कहा कि जब मौलाना के साथ हादसा हुआ जब मैं मस्जिद मे ही मौजूद था। जब वो हादसा याद आता है तो दिल परेशान हो जाता है उन्होंने कहा मौलाना हमेशा जमीयत उलमा-ए-हिन्द के काम को हर समय तैयार रहते थे और बगैर किसी काम बताये चल देते थे। यहां पूर्व सांसद कादिर राणा, सपा के महासचिव हरेंद्र मलिक, सतीश कुमार रवि, मुफ्ती बिन यामीन कासमी, मजलिस इत्तेहाद अल-मुस्लिमीन के संदेश आये।
शोक सभा में हकीम उम्मीद अली अशरफ, कारी असरार, मौलाना जुबैर रहमानी, कारी जाकिर हुसैन, मुफ्ती मुहम्मद जुल्फिकार, मौलाना मुहम्मद इकबाल, मौलाना मुहम्मद अय्यूब, मौलाना सईदुज़्ज़मां, मौलाना कलीमुल्लाह, मौलाना मुस्तफा, सलीम मलिक, आसिफ राही, मुफ्ती अब्दुल कादिर, मौलाना सदाकत, गौहर सिद्दीकी, मुफ्ती जुल्फिकार, मौलाना अब्दुल वली, डॉ. शमीमुल हसन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और खि़राजे अक़ीदत पेश की।
विशेष प्रतिभागियों में मौलाना नजर मुहम्मद, मौलाना मुहम्मद कासिम, कलीम त्यागी, आसिफ कुरैशी, हकीम उम्मीद अली, कारी सलीम मेहरबान, हाफिज तहसीन राणा, हाफिज शेरीदीन, मौलाना इसराइल, मौलाना मुदस्सिर, अकील हबीब, जमील अहमद, प्रधान मुरसलीन, डॉ. तनवीर गौहर, नदीम मलिक, रईसुद्दीन राणा, मौलाना अकरम नदवी, समाजसेवी असद फारूकी, मौलाना नाजिर, मौलाना अब्दुल्ला, मुहम्मद आतिफ, उसामा, साहिल, मास्टर इस्लामुद्दीन, यूसुफ मलिक, कारी दीन मुहम्मद, कारी तौहीद अजीज, मुफ्ती जाहिद, मौलाना मुहम्मद जाहिद मौलाना हुसैन, तौहीद त्यागी, मौलाना हारून, मुफ्ती मुहम्मद दानिश कासमी, मुहम्मद हारिस, शहजाद त्यागी, इंजिनियर तहसीन त्यागी, मौलाना साबिर निजाम, इंजीनियर नफीस राणा, बाबू अफजल, मौलाना साजिद, मौलाना अय्यूब शामली, मौलाना शौकीन, मुफ्ती इकबाल, अलीम सिद्दीकी, मुफ्ती मुजीबुर रहमान, कारी दीन मुहम्मद, मौ0 यूसफु मलिक, गुलबहार मलिक, ज़ीशान, अमीर आज़म एडवाकेट, तारिक कुरैशी वग़ैरह मौजूद रहे।