मुजफ्फरनगर: BJP में शुरू हुआ संग्राम, पार्टी के दिग्गज नेता कुशपुरी का इस्तीफा, बढ़ गई कलह

भाजपा में शुरू हुए विरोध के स्वर, प्रत्याशी की बढ़ेंगी मुश्किलें
-टिकट न मिलने से नाराज कुश पुरी ने भाजपा से दिया इस्तीफा
-विधान परिषद में भी कुश पुरी ने मांगा था टिकट
-भाजपा के व्यापारी नेता श्रीमोहन तायल ने भी जताया टिकट का विरोध
मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी द्वारा सपा में राज्यमंत्री व विधायक रहे चितरंजन स्वरूप के पुत्र गौरव स्वरूप की पत्नी को टिकट दिये जाने के बाद भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता व उद्योगपति कुशपुरी ने भाजपा को अलविदा कह दिया है, दूसरी ओर भाजपा के व्यापारी नेता श्रीमोहन तायल ने भी इस टिकट का विरोध किया है। सरवट के ग्राम प्रधान व पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्री भगवान शर्मा भी इस टिकट से नाराज हैं।
भाजपा द्वारा नगरपालिका परिषद का टिकट मीनाक्षी स्वरूप को दिया गया है। मीनाक्षी स्वरूप भाजपा नेता गौरव स्वरूप की पत्नी हैं। बता दें कि गौरव स्वरूप के पिता चितरंजन स्वरूप समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता थे और सपा सरकार में उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया था। चितरंजन स्वरूप की मौत के बाद उनके पुत्र गौरव स्वरूप को समाजवादी पार्टी ने चुनाव लड़ाया था, परन्तु वह भाजपा के कपिल देव अग्रवाल से हार गये थे। उसके बाद 2016 में भी समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था, परन्तु इस बार भी वह भाजपा के कपिल देव अग्रवाल के सामने टिक नहीं पाये थे और हार का मुंह देखा था। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी गौरव स्वरूप टिकट मांग रहे थे, परन्तु इस बार सपा ने उन्हें टिकट न देकर उनके भाई बंटी को टिकट दिया था। बंटी का टिकट होने के बाद गौरव स्वरूप नाराज हो गये थे और भाजपा का दामन थाम लिया था। बंटी भी यह चुनाव नहीं जीत पाये थे और वह भी कपिल देव अग्रवाल से हार गये थे। नगर निकाय चुनाव में अब गौरव स्वरूप मुजफ्फरनगर नगरपालिका के लिए टिकट मांग रहे थे, परन्तु यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो गयी, जिसके बाद वह अपनी पत्नी मीनाक्षी स्वरूप के लिए भाजपा से टिकट मांगने लगे। दूसरी ओर एमएलसी के चुनाव में भाजपा से भरोसा प्राप्त कुश पुरी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, व्यापारी नेता श्रीमोहन तायल, सरवट के प्रधान श्रीभगवान शर्मा समेत कुल 26 टिकट के दावेदार थे। पार्टी ने सभी दावेदारों को दरकिनार करते हुए गौरव स्वरूप की पत्नी मीनाक्षी स्वरूप को अपना प्रत्याशी बनाया है। मीनाक्षी स्वरूप का टिकट होने से जहां भाजपा का एक खेमा पूरी तरह से खुश है, वहीं दूसरे खेमे से विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। भाजपा के बहुत पुराने कार्यकर्ता व उद्योगपति कुश पुरी द्वारा भाजपा को अलविदा कह दिया गया है। श्रीमोहन तायल भी इस टिकट का विरोध जता रहे हैं। इसके अलावा पुराने भाजपाई इस बात से खफा हैं कि पार्टी के लिए जिन्होंने जमीनी स्तर से कार्य किया और जी-जान से पार्टी के लिए जुटे रहे, उन सभी को नजरअंदाज कर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है, जो केवल धनबल पर पार्टी में अपनी जगह बना रहा है। सूत्रों की मानें तो पुराने भाजपाइयों का आरोप है कि गौरव स्वरूप अपने लालच के चलते भाजपा में शामिल हुआ था, जबकि उसकी आस्था भाजपा में नहीं है। ऐसे व्यक्ति को टिकट देकर पुराने भाजपाइयों का अपमान किया गया है। यह विरोध यदि चुनाव के दिन तक पहुंच गया, तो भाजपा के प्रत्याशी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ब्राह्मणों की लामबंदी भी दे सकती है नुकसान
मुजफ्फरनगर नगरपालिका का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। टिकटों का वितरण होते ही दोनों ओर से असंतुष्टों द्वारा इस्तीफों की झड़ी लग गयी है। कुछ लोग तो पार्टी छोड़कर अपना विरोध जता रहे हैं, जबकि कुछ लोगों ने पार्टी में रहकर ही अपना बदला लेने का मन बना लिया है। गठबंधन द्वारा सपा के वरिष्ठ नेता राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा को टिकट दिये जाने के बाद जहां भाजपा का परम्परागत ब्राह्मण वोट बैंक इस बार गठबंधन के खेमे में खिसकता नजर आ रहा है, वहीं गौरव स्वरूप की पत्नी मीनाक्षी स्वरूप को टिकट मिल जाने के बाद सपा का परम्परागत वोट बैंक भी खिसकेगा, क्योंकि चितरंजन स्वरूप की मुस्लिमों में अच्छी खासी पकड़ है और ऐसे में उसे मुस्लिम वोट भी मिलेगा। सूत्रों की मानें तो ब्राह्मण ने इस बाद तय कर लिया है कि वह अपने जाति के प्रत्याशी का समर्थन करेंगे और यदि यह समर्थन वोट बैंक के रूप में बदल गया, तो भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।