संविधान को बचाने के लिए दलित-मुस्लिम को एकजुट होने की जरूरत: आलम

सहारनपुर में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार संविधान को समाप्त करने का कुचक्र रच रही है। उन्होंने कहा कि संविधान को बचाने के लिए दलितों व मुस्लिमों को एक मंच पर आने की आवश्यकता है। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष शाहनवाज आलम आज यहां चकरोता रोड स्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जावेद साबरी के आवास पर पत्रकारों के साथ वार्ता
कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा 15 से 25 जून दलित बाहुल्य मौहल्लों में चाय की दुकान की संविधान पर मंडरा रहे खतरे के बारे में चर्चा कर रही है क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि संविधान पर कोई भी हमला डा. बाबा साहब अम्बेडकर के ऊपर हमला है। इसलिए संविधान को बचाने व भाजपा को उसकी पूर्व की स्थिति में पहुंचाने के लिए दलित व अल्पसंख्यकों को साथ मिलकर चलना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी समाज को गुमराह करने का काम कर रही है जिसके चलते मात्र दो सांसदों वाली पार्टी
आज केंद्र की सत्ता में है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दलितों व मुस्लिमों के बीच जितने अच्छे सम्बंध हैं उतनी मजबूती के साथ भाजपा को सत्ता से बाहर करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि पहले हिंदू मुस्लिम दलित व अल्पसंख्यक में आपसी मेलमिलाप था परंतु भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें जाति व धर्म के आधार पर बांटने का काम किया। इसलिए भाजपा सत्ता में आ गई। उन्होंने दावा कि मुसलमान तो आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस
के साथ आने को तैयार हैं। इसलिए कांग्रेस पुराने समीकरणों पर काम कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस द्वारा दलित मुस्लिम सम्मेलन के साथ मुस्लिम-सैनी सम्मेलन कराने के साथ-साथ हिंदू मुस्लिम गुर्जरों की संयुक्त बैठक कराने का भी काम कर रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री आलम ने कहा कि 3 जनवरी 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने संविधान में सेकुलर शब्द जोड़ दिया था।
जिसे भाजपा सरकार हटाने का प्रयास कर रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि संविधान की प्रस्तावना में कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती। एक सवाल के जवाब में उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में जमींदारी उन्मूलन व भूमि सुधार कानून बनाया गया था जिसमें प्राविधान था कि एक दलित की जमीन कोई दलित ही खरीद सकता था परंतु मई माह में उत्तर प्रदेश की योगी
की भाजपा सरकार ने कानून में बदलाव लाने का काम किया है। वार्ता के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता जावेद साबरी, प्रदेश सचिव सत्यसंयम भूर्यान, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सोनू पठान, जिलाध्यक्ष डा. यासमीन राव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक सैनी, सोनू मलिक, नफीस अहमद मामू, आरिफ
खान, मनीष त्यागी, सतपाल बर्मन, सैयद शमी अहमद रिजवी आदि मौजूद रहे।