सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मी दिखा तो नपेगे अफसर : योगी सरकार का कड़ा आदेश
सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मिकों की है भरमार, अवैध वसूली की थी शिकायतें
मुजफ्फरनगर के साथ साथ UP के सभी जिलों में सरकारी कर्मचारियों द्वारा सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मिकों से कार्य कराना महंगा पड़ सकता है। शासन ने इस संबंध में संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किये हैं कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी किसी बाहरी व्यक्ति से सरकारी दफ्तरों में कार्य करायेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी, जिसके उत्तरदायी वह खुद होंगे। इस सरकारी फरमान के बाद ऐसे कर्मचारियों में हड़कम्प मचा हुआ है, जो अपना पूरा कार्य बाहरी व्यक्तियों से कराते आ रहे हैं।
बता दें कि सरकारी दफ्तरों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा निजी तौर पर बाहरी व्यक्तियों को कार्य पर लगाकर उनसे कार्य कराया जाता है। तहसील, मण्डल, कलेक्ट्रेट आदि स्थानों पर ऐसे लोगों की भरमार है। पटवारी, कानूनगो, ग्राम सचिव समेत अनेक ऐसे विभाग हैं, जिन्होंने निजी तौर पर अपने सहायक रखे हुए हैे, जो बाहरी हैं और सरकारी कार्य इन्ही बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। ऐसे व्यक्तियों द्वारा भ्रष्टाचार व अनियमितताएं किये जाने की भी शिकायतें शासन व परिषद को निरन्त प्राप्त हो रही थी। इन सब बातों का संज्ञान लेते हुए आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद द्वारा समस्त मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है, जिसमें आदेश दिये गये हैं कि वह अपने समस्त अधिनस्थों को निर्देशित करें कि किसी भी मंडल, कलेक्ट्रेट या तहसील कार्याल में बाहरी व्यक्तियों से किसी भी दशा में कार्य न कराया जाये। ऐसी शिकायतों के संज्ञान में आने पर उन्हें गंभीरता से लिया जायेगा और संबन्धित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी, जिसके लिए संबन्धित अधिकारी स्वयं उत्तरदायीहोगा। इस फरमान के बाद ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया है, जो बाहरी व्यक्तियों के भरोसे अपनी नौकरी चला रहे थे।