रिटायर्ड आई जी अवतार नारायण कौल के निधन से उर्दू अदब को झटका

मुजफ्फरनगर।देश में विभिन्न पदो पर तैनात रहे वरिष्ठ आईपीएस एवं रिटायर्ड आईजी अवतार नारायण कौल का निधन हो गया। उनकी गिनती बडे उर्दू प्रेमियों में की जाती थी। लम्बे समय तक वे एसएसपी, डीआईजी, आईजी व प्रदेश एवं केन्द्र सरकार में बडे पदो पर तैनात रहे। पिछले डेढ दशक से वे अपने रिटायर्ड मेंट के बाद मुजफ्फरनगर में ही निवास कर रहे थे। कुछ दिन पहले वे यहां से दिल्ली चले गये थे। जहां उनकी तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बढ़ती उम्र के चलते उनका उपचार चला, मगर वे मौत को मात नहीं दे पाये। उन्होंने आज अन्तिम सांस ली। बता दे कि उन्होंने जिले के इतिहास को लेकर कई किताबे लिखी थी। ऐसी कई बाते इन किताबो में दर्ज है जो अमूमन आम लोगों को पता नहीं होता था। तरह-तरह की नस्लो के कुत्ते पालने के शौकीन अवतार नारायण कौल के पास लोगों का आने जाने का सिलसिला लगा रहता था। कुछ समय से वे दिल्ली में ही रह रहे थे।इस बीच उनकी कोठी भी बिक गई थी। एक जमाने में खूबसूरत कोठियों में उनका आवास शुमार होता था, लेकिन आज यह कोठी प्लाट बन चुकी है। जिले में उर्दू डवलपमेंट आर्गेनाईजेशन के उर्दू डे कार्यक्रमो में उनकी मौजूदगी रहती थी। वे उर्दू प्रेमी थे। उन्होंने अपने कई काव्य उर्दू भाषा में ही लिखे है।
UDO ने पेश की खिराजे अकीदत
उर्दू के बड़े साहित्यकार और कई किताबों के लेखक पूर्व आई जी अवतार नारायण कौल के निधन पर उर्दू डेवलपमेन्ट आर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और उर्दू प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। जिलाध्यक्ष कलीम त्यागी ने कहा कि ए. एन. कौल के देहांत से उर्दू का बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वे खुद उर्दू के बड़े अदीब थे और उर्दू लिखने पढ़ने वालों की कद्र किया करते थे। यूडीओ के वार्षिक प्रोग्राम उर्दू दिवस पर वे कई बार आये और अपने खयालात का इजहार किया। कन्वीनर तहसीन अली ने कहा कि वे बेहद मिलनसार, ईमानदार और उर्दू प्रेमी थे। वो कहा करते थे कि मेरी मादरी जबान उर्दू इसलिए है कि मेरी माँ की जबान उर्दू थी। वो बेहतरीन उर्दू बोलते थे। उनके पास उर्दू जबान ओ अदब की बड़ी नायाब किताबों का संग्रह था। यहां यूडीओ के नायब सदर मौलाना मूसा कासमी, कोषाध्यक्ष बदरुज्जमा खान, सचिव शमीम कस्सार, गुलफाम अहमद, शहजाद अली, रईसुद्दीन राना आदि ने शोक व्यक्त किया।
