उर्दू के आलमी शायर मुनव्वर राणा ने कहा दुनिया को अलविदा.. अमर हुई उनकी शायरी
उर्दू के आलमी शायर मुनव्वर राणा ने कहा दुनिया को अलविदा.. अमर हुई शायरी
दुख भी ला सकती है लेकिन जनवरी अच्छी लगी,
जिस तरह बच्चों को जलती फुलझड़ी अच्छी लगी
रो रहे थे सब, तो मैं भी फूटकर रोने लगा
मुझको अपनी मां की, मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
UP : लखनऊ मे उर्दू के मशहूर आलमी शायर मुनव्वर राणा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
71 की उम्र मे दिल का दौरा पड़ने से उनकी साँसे टूट गई।उनका पूरा जीवन उर्दू साहित्य की रचनाओं में बीता। वे इतने मशहूर हुए कि उन्हें विदेशों में भी होने वाले मुशायरों में शोहरत हासिल हुई। मुनव्वर राणा खासकर अपने उन शेरों के लिए जाने जाते हैं, जो उन्होंने मां पर लिखे हैं। इनमें से कुछ तो लोगों की जुबां पर रटे हुए हैं।
“अभी जिंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है।…”
“छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको,
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है।…”
“लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है।…”
उर्दू के आलमी शायर मुनव्वर राणा ने कहा दुनिया को अलविदा.. अमर हुई उनकी शायरी
UP : लखनऊ मे उर्दू के मशहूर आलमी शायर मुनव्वर राणा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
71 की उम्र मे दिल का दौरा पड़ने से उनकी साँसे टूट गई।उनका पूरा जीवन उर्दू साहित्य की रचनाओं में बीता। वे इतने मशहूर हुए… pic.twitter.com/g62jCBo1Iz— TRUE STORY (@TrueStoryUP) January 15, 2024
इन बयानों की वजह से रहे चर्चा में…
प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान-पलायन और जिन्ना को लेकर हो रही सियासत को बेमतलब करार देते हुए शायर मुनव्वर राणा ने कहा था “वर्तमान सरकार पलायन-पलायन खेल रही है। उन्होंने योगी सरकार पर उन्हें और मुसलमानों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार आ जाती है और योगी फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं तो हमें यहां रहने की जरूरत नहीं है, मैं यहां से पलायन कर लूंगा।”….
शायर मुनव्वर राना ने कहा था की जनता असल मुद्दों पर गौर करके वोट डालेगी। जिन्ना और पाकिस्तान से चुनाव का क्या लेना देना? उन्होंने कहा कि बार बार पाकिस्तान, तालिबान, अब्बाजान जैसी की बात करने का मतलब है कि हिंदुस्तानी मुसलमानों पर आप शक करते हैं। उनके खिलाफ नफरत का माहौल बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक शायर के दिल मे कौम का दर्द होता है। यही वजह है कि भाजपा सरकार ने हमें परेशान किया।
उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन में मैनेजिंग डायरेक्टर रहे एपी मिश्रा की नींद यह खबर सुनते ही उड़ चुकी थी। कहते हैं कि “दोस्त बड़ा बेईमान निकला“। कहता था कि जाने को हम पाकिस्तान चले जाते, पर ये दोस्त कहां मिलेंगे। पर अब देखो। कहते हैं कि ये बड़े लोग हैं जीने का हुनर जानते हैं….ये पंक्तियां हम कुछ दोस्त थे, जिन पर लिख डाली थीं। पहली मुलाकात 2000 के कुंभ में हुई थी। तब से शायद कोई एक दिन नहीं रहा, जब बात न होती हो। अभी कुछ दिन पहले वादा किया था कि मेरे चैंबर में आकर मुझे कुछ सुनाएगा। सब झूठ निकला।
जानी मानी शायरा शबीना अदीब औरंगबाद एक मुशायरे में थीं। लगातार मोबाइल घनघनाए तो फोन उठाया और निधन की सूचना पाते ही कह उठीं, सरपरस्त चला गया। अंतरराष्ट्रीय मुशायरों में जब हम जाते तो लगता की एक अभिभावक, एक सरपरस्त हमारे साथ है।
जिस तरह बच्चों को जलती फुलझड़ी अच्छी लगी
रो रहे थे सब, तो मैं भी फूटकर रोने लगा
मुझको अपनी मां की, मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
#MunavvarRana #Shayari #RIP