साथियो ने दी दिवंगत शिक्षक क़े परिवार को हेल्पफुल श्रद्धांजलि.. 10 दिन में 49 लाख की मदद का कीर्तिमान बनाया

दिवंगत शिक्षक के परिवार को 49 लाख की मदद, टीचर्स सेल्फ केयर टीम ने रचा कीर्तिमान.. सडक दुर्घटना में चली गई थी जान, साथियो ने समझा मृतक क़े परिवार का दर्द
मुज़फ्फरनगर। कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय, जड़ौदा में कार्यरत शिक्षक राजकुमार के निधन के बाद उनके परिवार को टीचर्स सेल्फ केयर टीम द्वारा दस दिन के भीतर 49 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। राजकुमार का नवंबर 2024 में मेरठ रोड पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था।
राजकुमार स्वयं इस टीम के सक्रिय सदस्य थे और लगातार अन्य दिवंगत शिक्षकों के परिवारों की मदद करते रहे थे। इस बार उनके परिवार के लिए प्रदेश के चार लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों ने मात्र ₹15 के सहयोग से सीधे उनके बैंक खाते में सहायता राशि भेजी।
परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक द्वारा मकान निर्माण के लिए लिया गया लोन भी इस सहयोग राशि से चुका दिया गया है। साथ ही बच्चों की शिक्षा और बेटी की शादी के लिए भी धनराशि भेजी गई है।
टीचर्स सेल्फ केयर टीम के प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. फर्रुख हसन ने बताया कि संस्था की स्थापना जुलाई 2020 में शिक्षक विवेकानंद और उनके साथियों द्वारा की गई थी। आज इस टीम से उत्तर प्रदेश के चार लाख से अधिक शिक्षक और कर्मचारी जुड़े हुए हैं। संस्था अब तक 396 दिवंगत शिक्षक परिवारों को लगभग ₹168 करोड़ की सहायता राशि प्रदान कर चुकी है।
इस माह प्रदेश के विभिन्न जिलों के 20 दिवंगत शिक्षक परिवारों को लगभग ₹10 करोड़ की मदद सीधे उनके खातों में भेजी गई है। अगले महीने से कन्यादान योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत दिवंगत शिक्षकों की बेटियों की शादी में विशेष सहयोग दिया जाएगा।
स्वर्गीय राजकुमार के पुत्र हर्ष मौर्य और पुत्री आयुषी मौर्य ने उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा, “पिता के जाने के बाद चार लाख शिक्षक हमारे अभिभावक बन गए हैं। यह मदद हमारे भविष्य को संवारने वाली है।” जिले में अब तक सात दिवंगत शिक्षक परिवारों को लगभग ₹3.5 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है। यह पहल न केवल आर्थिक सहयोग का उदाहरण है, बल्कि शिक्षक समाज की एकजुटता और संवेदनशीलता की मिसाल भी है।