गंगा नदी से रेत निकाल रहा ग्रामीण लापता..मगरमच्छ द्वारा निगलने की आशंका, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

📍 काजी अमजद अली
मुज़फ्फरनगर जनपद के भोपा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव मजलिसपुर तौफीर में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया। गंगा नदी में बालू निकाल रहे 45 वर्षीय ग्रामीण चन्द्रबोस सैनी अचानक लापता हो गए। साथ काम कर रहे ग्रामीणों ने मगरमच्छ द्वारा हमला कर निगल जाने की आशंका जताई है। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
मुज़फ्फरनगर में गंगा में रेत निकालते ग्रामीण लापता, मगरमच्छ के हमले की आशंका
UP मे मुज़फ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के गांव मजलिसपुर तौफीर में गंगा नदी में बालू निकाल रहे 45 वर्षीय चन्द्रबोस सैनी अचानक लापता हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि नदी में मौजूद मगरमच्छ ने उन पर हमला कर… pic.twitter.com/5eDwLywsnd
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) September 14, 2025
🕖 घटना का समय व स्थान..
सुबह करीब 7:30 बजे चन्द्रबोस अपने साथियों विनोद और अरुण के साथ बाणगंगा में भैंसा बोगी से बालू निकालने गए थे। चन्द्रबोस नदी के मध्य बालू भर रहे थे, तभी अचानक गायब हो गए। पहले साथियों ने लघु शंका मानकर इंतजार किया, लेकिन देर तक न लौटने पर ग्रामीणों को सूचना दी गई।
👥 ग्रामीणों की प्रतिक्रिया..
घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंचे और नदी में तलाश शुरू की। ग्राम प्रधान योगेश कुमार चौहान ने बताया कि गंगा में कई बड़े मगरमच्छ हैं, जिनमें एक विशालकाय भी देखा गया है। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि चन्द्रबोस को मगरमच्छ ने निगल लिया।
🚨 पुलिस की कार्रवाई ..
शुक्रताल चौकी पुलिस ने गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। दोपहर तक कोई सुराग नहीं मिला था। पुलिस के साथ ग्रामीण भी जंगल और नदी में खोजबीन कर रहे हैं।
👨👩👧👦 परिवार का हाल ..
चन्द्रबोस के परिवार में पत्नी सुनीता, चार बेटियाँ—कामिनी (16), चांदनी, रमा, अंजु—और एक बेटा अभिषेक (12) हैं। परिवार सदमे में है और पूरे गांव में शोक की लहर है।
📝 यह घटना न सिर्फ एक व्यक्ति की त्रासदी है, बल्कि गंगा खादर में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी…
भोपा थाना क्षेत्र के गांव मजलिसपुर तौफीर निवासी चन्द्रबोस सैनी (45) के लापता होने की घटना को कई घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने गंगा में तलाशी अभियान चलाया, मगर नतीजा खाली हाथ ही रहा।
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मगरमच्छों से दहशत बरकरार..
ग्रामीण अब भी मान रहे हैं कि चन्द्रबोस को मगरमच्छ ने अपना शिकार बनाया है। गांव के प्रधान योगेश कुमार चौहान ने कहा—
“गंगा में कई विशाल मगरमच्छ देखे जाते हैं। लोगों में इतना डर है कि अब कोई भी गहरे पानी तक जाने की हिम्मत नहीं कर रहा।”
परिवार की हालत
चन्द्रबोस की पत्नी सुनीता और पाँच बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण परिवार को ढांढस बंधाने में लगे हैं, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक शव नहीं मिलता, उन्हें चैन नहीं आएगा।
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प्रशासन पर सवाल
गांव के लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गंगा में मगरमच्छों की मौजूदगी से बार-बार खतरा बढ़ रहा है। इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों की मांग है कि नदी में सुरक्षा उपाय किए जाएँ और मजदूरों के रोज़गार को सुरक्षित बनाने पर ध्यान दिया जाए।